नरमा के बाद अब गेहूं की फसल में सुंडी का प्रकोप, खत्म हो रही फसल, सुंडी वाले खेत में करें इस दवा का छिड़काव

समस्या : जड़ में लग रही सुंडी से बढ़वार के समय गेहूं की फसल में आ रहा पीलापन

नरमा के बाद अब गेहूं की फसल में सुंडी का प्रकोप, खत्म हो रही फसल, सुंडी वाले खेत में करें इस दवा का छिड़काव
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खेत खजाना सिरसा : उपमंडल के खेतों में नरमा के बाद अब गेहूं की फसल में सुंडी का प्रकोप हो गया है, जिससे गेहूं की जड़ खराब हो रही है। कृषि विभाग के अधिकारी किसानों के बीच खेतों में नहीं पहुंच रहे हैं। इसके चलते किसान गेहूं में प्राइवेट कंपनी के महंगे कीटनाशकों का छिड़काव करने को मजबूर हो रहे हैं और उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। उपमंडल में गेहूं की बिजाई हो चुकी है और फसल में लगभग पहली सिंचाई भी पूरी हो चुकी है। अब बढ़वार के समय गेहूं की फसल में पीलापन आने के अलावा पौधे झुलसते नजर रहे हैं। इसे देखने पर किसानों को पौधे की जड़ में सुंडी नजर आ रही है, जो गुलाबी सुंडी से मिलती-जुलती है। अब तक यह समस्या अधिकतर धान में ही सामने आई है। इसी तरह नरमा उत्पादक किसानों में भी इस बीमारी को लेकर चिंता बनी हुई है। पीड़ित किसान कुलविंदर सिंह ने बताया कि उसके पास 10 एकड़ जमीन है, जिसमें वह पिछले कई सालों से धान की खेती कर रहा है। धान कटाई के बाद उन्होंने सुपर सीडर मशीन से गेहूं की बिजाई की है, जिसकी जड़ में अब सुंडी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है

जड़ की सुंडी से फसल को बड़ा नुकसान

किसान जसविंदर सिंह, कुलविंदर सिंह, इकबाल सिंह, सतवीर सिंह, रघुवीर सचदेवा, गुरमीत सिंह व अन्य ने बताया कि गांव लोहगढ़ में तो 95 प्रतिशत धान की खेती की जा रही है। धान के एरिया में गेहूं की फसल की बिजाई ज्यादातर सुपर सीडर मशीन से की जा रही है और उन्हें शक है कि इसके चलते पराली नीचे मिट्टी में दबाने से से गेहूं की जड़ में सुंडी का प्रकोप हो रहा है। यहां गेहूं की फसल खराब हो रही है। इसी प्रकार गांव जोतांवाली, अबूबशहर, राजपुरा, मौजगढ़, लखुआना, गंगा, खुड्या मलकाना आदि घग्घर और राजस्थान केनाल बेल्ट के धान उत्पादक खेतों और आसपास के नरमा उत्पादक किसान भी अब वह सुंडी के डर से कोराजन की स्प्रे कर रहे हैं।

सुंडी वाले खेत में ही करें दवा का छिड़काव

एग्रीकल्चर विभाग के एसडीओ अनूप सिंह ने बताया कि कुछ एरिया में गेहूं की जड़ की सुंडी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। किसानों को कोराजन की स्प्रे करने की जरूरत नहीं है। बल्कि किसान क्लोरोपाइरीफॉस 50 प्लस साइफर 5 की 300-400 मिलीग्राम प्रति एकड़ या फिर या फुटेरा डुपोंट 5 से 7 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से यूरिया में डाले इसका अच्छा रिजल्ट मिलेगा।

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