Agriculture Loan: किसानों को नहीं होगी पैसे की किल्लत, निर्मला सीतारमण ने की बड़ी घोषणा

Agriculture Loan: किसानों को नहीं होगी पैसे की किल्लत, निर्मला सीतारमण ने की बड़ी घोषणा
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Agriculture Loan: किसानों को नहीं होगी पैसे की किल्लत, निर्मला सीतारमण ने की बड़ी घोषणा

खेत खजाना : मानसून की शुरुआत हो चुकी है और इसके साथ ही खेती-किसानी का काम भी तेजी से चल रहा है। यह महत्वपूर्ण समय है जब किसानों को खाद, बीज, और अन्य आवश्यकताओं के लिए पैसे की जरूरत होती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में सभी सरकारी बैंकों के प्रमुखों को इस मुद्दे पर निर्देश दिए हैं। इसका मुख्य ध्यान छोटे और सीमांत किसानों, और सूक्ष्म उद्यमों पर है।

कृषि क्षेत्र में ऋण की पहुंच में सुधार के निर्देश

निर्मला सीतारमण ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को कृषि क्षेत्र में ऋण की पहुंच को बढ़ाने के लिए निर्देश दिए हैं। वित्त मंत्री ने विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों और सूक्ष्म उद्यमों के प्रति ध्यान केंद्रित किया है। इसका उद्देश्य इन सेक्टरों में वित्तीय सहायता को मजबूत करना है।

पीएसयू बैंक की समीक्षा

निर्मला सीतारमण ने हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए बैठक की अध्यक्षता की थी। उन्होंने इस समीक्षा में विभिन्न मापदंडों पर ध्यान केंद्रित किया, जैसे सकारात्मक मैक्रो रुझान, व्यावसायिक भावनाएं, 'ट्विन बैलेंस शीट लाभ', और स्वामित्व वाले बैंकों के समग्र प्रदर्शन। इसके साथ ही, वित्तमंत्री ने बैंकों को जोखिम प्रबंधन, व्यापार आधार के विविधीकरण, और लचीलेपन के माध्यम से ऋण आवश्यकताओं का समर्थन करने के लिए निर्देश दिए।

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पीएमस्वनिधि योजना के तहत ऋण पहुंच को बढ़ाने का निर्देश

निर्मला सीतारमण ने बैंकों से पीएमस्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को ऋण देने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि इस योजना के तहत ऋण देने की गति को बढ़ाया जाना चाहिए ताकि आवश्यक वित्तीय सहायता का तत्परता से उपयोग हो सके। इसके साथ ही, वित्तमंत्री ने बैंकों से नियामक ढांचे की पालना करने के लिए भी निर्देश दिए हैं ताकि गैर-निष्पादित संपत्तियों की पहचान और रिपोर्टिंग में सुधार हो सके।

यह निर्देश छोटे और सीमांत किसानों और सूक्ष्म उद्यमों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो उन्हें वित्तीय सहायता और उच्चकोटि के व्यवसायिक मार्गदर्शन में मदद करेगा। बैंकों को निर्देश दिए गए नीतिगत बदलावों को सकारात्मक ढंग से लागू करने की आवश्यकता है ताकि खेती-किसानी सेक्टर में सामरिकता और सशक्तिकरण को बढ़ावा मिले।

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