छात्रों का कमाल! अगर आप में है टैलेंट तो नहीं होगी कभी यूनिवर्सिटी फीस की टेशन, इनकी तरह आज ही शुरू कर दो यह काम, होगी लाखों में कमाई
छात्रों का कमाल! अगर आप में है टैलेंट तो नहीं होगी कभी यूनिवर्सिटी फीस की टेशन, इनकी तरह आज ही शुरू कर दो यह काम, होगी लाखों में कमाई
खेत खजाना: बिलासपुर के गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने अपनी फीस की समस्या को हल करने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है। उन्होंने यूनिवर्सिटी के खाली क्लासरूम में मशरूम की खेती शुरू की और इससे लाखों की कमाई की है। यह विचार उन्हें अपने कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल से मिला, जिन्होंने उन्हें स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना के तहत अपने कौशल विकास और आत्मनिर्भरता के लिए प्रेरित किया।
मशरूम की खेती का प्रक्रिया
छात्रों ने मशरूम की खेती के लिए एक विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिसमें उन्हें मशरूम के बीज, मिट्टी, उर्वरक, जलवायु, रोग, कीट, विकास, उपज, विक्रय आदि के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने यूनिवर्सिटी के एक खाली क्लासरूम को मशरूम की खेती के लिए उपयोग किया, जिसमें उन्होंने बाल्टी, बोरी, डिब्बे आदि में मशरूम के बीज बोए और उन्हें उचित तापमान और नमी प्रदान की। उन्होंने रोजाना मशरूम की देखभाल की और उनका विकास निगरानी की।
मशरूम का विक्रय और आय
छात्रों ने मशरूम का विक्रय अपने आस-पास के बाजारों, दुकानों, होटलों, रेस्टोरेंटों आदि में किया। उन्होंने मशरूम को 200 रुपये प्रति किलो के भाव में बेचा और इससे प्रतिदिन 1,000 से 1,400 रुपये की आय प्राप्त की। उन्होंने अपनी आय का एक हिस्सा अपनी फीस के लिए जमा किया और एक हिस्सा अपनी खेती के लिए खर्च किया। उन्होंने अपनी खेती को बढ़ाने के लिए और भी जगह और सामग्री खरीदी। उन्होंने साल 2022 में 67 हजार रुपये की आय की, जो साल 2023 में रिकॉर्ड 2 लाख से अधिक की कमाई हुई है।
मशरूम के अन्य उत्पाद
छात्रों ने मशरूम के अलावा भी अन्य उत्पाद बनाकर अपनी आय बढ़ाई है। उन्होंने होली पर हर्बल गुलाल और रक्षाबंधन पर धान और चावल से बनी राखियों को बनाकर बेचा है। उन्होंने इन उत्पादों को आकर्षक पैकिंग और मार्केटिंग के साथ बाजार में प्रस्तुत किया है। उन्होंने जल्द ही मशरूम के कई अन्य ब्रांड जैसे अचार, पापड़, पाऊडर समेत नई किस्म उपलब्ध कराने का इरादा है।
मशरूम उगाने का लाभ
मशरूम उगाने का लाभ सिर्फ आय ही नहीं है, बल्कि इससे छात्रों को कई अन्य फायदे भी मिले हैं। मशरूम उगाने से उन्हें कौशल विकास, आत्मनिर्भरता, उद्यमिता, समय प्रबंधन, टीम वर्क, लीडरशिप, सामाजिक जिम्मेदारी आदि के बारे में जानने और सीखने का मौका मिला है।