Animal Fodder: पशु चारे का संकट दूर करेगा पशुओं के लिए उत्तम पौष्टिकता से भरपूर चारा प्रदान करने वाला पेड़, पशुओं की सेहत के साथ बढाएगा दूध उत्पादन

सुबबूल के पेड़ के गिरने वाले पत्ते और डालियां मिट्टी को उपजाऊ बनाने में मदद करते हैं। इसके पत्तियां मिट्टी में गिरकर खाद का काम करती हैं, जिससे उपजाऊता बनती है।

Animal Fodder: पशु चारे का संकट दूर करेगा पशुओं के लिए उत्तम पौष्टिकता से भरपूर चारा प्रदान करने वाला पेड़, पशुओं की सेहत के साथ बढाएगा दूध उत्पादन
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सुबबूल: एक पशुओं के लिए पौष्टिक चारा

सुबबूल, जिसे हम छुईमुई और लंबे सेम से भी जानते हैं, पशुओं के लिए उत्तम पौष्टिकता से भरपूर चारा प्रदान करने वाला पेड़ है। इसकी पत्तियां और लकड़ी पशुओं के आहार के रूप में बहुत उपयुक्त होती हैं, क्योंकि इसमें प्रोटीन और पोषक तत्व मौजूद होते हैं। गर्मियों में जब हरे चारे की कमी की समस्या आ सकती है, वहाँ सुबबूल की खेती एक सहायक हो सकती है। यह गर्मियों में भी प्रफुल्लित होने वाला पेड़ है, जिससे पशुओं को उत्तम आहार मिल सकता है।

सुबबूल की खेती के अन्य लाभ

मिट्टी की उपजाऊ बनाने का काम: सुबबूल के पेड़ के गिरने वाले पत्ते और डालियां मिट्टी को उपजाऊ बनाने में मदद करते हैं। इसके पत्तियां मिट्टी में गिरकर खाद का काम करती हैं, जिससे उपजाऊता बनती है।

वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिर करना: सुबबूल के पेड़ से आने वाले फलियां और पत्तियां वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिर करने में मदद करते हैं, जो फसल के लिए आवश्यक होता है।

लकड़ी का उपयोग: सुबबूल की लकड़ी से ईंधन बनाने और इमारत निर्माण में उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, कागज उद्योग में भी इसका उपयोग होता है।

अतिरिक्त आमदनी: सुबबूल की खेती से किसान अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं। इसके पेड़ से प्राप्त होने वाले चारा और बीज को बेचकर आमदनी हो सकती है।

सुबबूल की खेती कैसे करें

बीजों की अंकुरण: सुबबूल के बीजों की परत सख्त होती है, इसलिए उन्हें अंकुरित करने के लिए उबले पानी में 2-3 मिनट तक डालकर निकाल लें। इससे बीज जल्दी अंकुरित होते हैं।

बुवाई: मार्च-अप्रैल में सुबबूल के बीजों की बुवाई करें। बीजों को थैलियों में मिट्टी और खाद के साथ मिलाकर बोएं।

सिंचाई: बुवाई के बाद थोड़ी सिंचाई कर दें।

रोपाई: 2-3 महीने बाद तैयार पौधों की खेत में रोपाई करें।

प्रवंचन: सुबबूल के पेड़ की साल में 5-6 बार कटाई करें ताकि पेड़ घना और प्रफुल्लित रह सके।

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