बीजेपी सरकार का एक और किसान विरोधी फैसला: खाद को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण के तुगलकी फरमान को लागू करने का प्रयास

बीजेपी सरकार का एक और किसान विरोधी फैसला: खाद को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण के तुगलकी फरमान को  लागू करने का प्रयास
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बीजेपी सरकार का एक और किसान विरोधी फैसला:

खाद को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण के तुगलकी फरमान को लागू करने का प्रयास

सिरसा। हरियाणा में बीजेपी सरकार खाद को भी मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर जोड़कर किसानों को बर्बाद करना चाहती है। बीकेई अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने कहा कि सरकार पोर्टल-पोर्टल खेल रही है। किसानों का खेतों का काम छोड़कर लाइनों में लगकर पोर्टल पर पंजीकरण करवाने में ही समय निकल जाता है। मौजूदा बीजेपी सरकार किसान को प्रताडि़त करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। अब नया फरमान जारी करते हुए खाद को भी पोर्टल पर पंजीकरण करने का यमुनानगर में पायलट प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं, जो कि बाद में पूरे हरियाणा में लागू किया जाएगा।

भारतीय किसान एकता बीकेई किसी भी सूरत में इसे हरियाणा में लागू नहीं होने देगी। क्योंकि किसान खाद की खरीद मौसम और फसल के हिसाब से करता है, जैसे सरसों में सरकार ने फरमान जारी किया है कि एक दिन में 25 क्विंटल सरसों ही बेची जा सकती है, उसी तरह खाद में भी सरकार ऐसा फरमान जारी करके किसानों को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचाएगी। इससे कालाबाजारी भी बढ़ेगी।

बरसात में किसानों को एकदम खाद की जरूरत होती है, लेकिन पोर्टल की वजह से उनको समय पर खाद न मिलने के कारण उनकी फसल बर्बाद हो जाएगी। सरकार खाद की सही गुणवत्त्ता व समय पर प्रबंधन करने की बजाय किसानों को एक नई मुसीबत में डाल रही है। सरकार को चेतावनी देते हैं कि इस तुगलकी फरमान को जल्द वापस ले, नहीं तो किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।

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