किसान अज्ञानता में कर रहे है फसलों में शराब का छिड़काव ? शराब का स्प्रे करने के फायदे और नुकसान? ये है कृषि विशेषज्ञों की राय

किसान अज्ञानता में कर रहे है फसलों में शराब का छिड़काव ? शराब का स्प्रे करने के फायदे और नुकसान? ये है कृषि विशेषज्ञों की राय
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किसान अज्ञानता में कर रहे है फसलों में शराब का छिड़काव ? शराब का स्प्रे करने के फायदे और नुकसान? ये है कृषि विशेषज्ञों की राय

खेत खजाना : शराब का स्प्रे एक ऐसा तरीका है जिसका इस्तेमाल कुछ किसान अपनी फसलों को बीमारियों और कीटनाशकों से बचाने के लिए करते हैं। इस तरीके में वे शराब में कुछ दवाएं मिलाकर फसलों पर छिड़काव करते हैं। वे मानते हैं कि इससे फसल स्वस्थ और चमकदार रहती है। लेकिन यह तरीका कितना प्रभावी और सुरक्षित है? इसके पीछे का विज्ञान क्या है? आइए जानते हैं।

शराब का स्प्रे कैसे काम करता है?

शराब का स्प्रे करने वाले किसानों का कहना है कि शराब में दवाएं अच्छी तरह से घुल जाती हैं और फसलों को झुलसा, फंगस, खर्रा और अन्य रोगों से बचाती हैं। वे आमतौर पर देसी शराब का इस्तेमाल करते हैं जिसमें उन्होंने जिबरेलिक और विन-ची-विन जैसी दवाएं मिलाई होती हैं। ये दवाएं फसलों की वृद्धि और उत्पादन में सहायक होती हैं।

शराब का स्प्रे करने का तरीका यह है कि एक बोतल शराब में एक बोतल दवा मिलाकर 20 लीटर पानी में घोल लेते हैं। फिर इस घोल को फसलों पर दो बार स्प्रे करते हैं। इससे फसलों का उत्पादन 10 बोरी प्रति बीघा तक बढ़ जाता है।

शराब का स्प्रे करने के फायदे और नुकसान

शराब का स्प्रे करने के फायदे और नुकसान के बारे में वैज्ञानिक रूप से कोई स्पष्ट सबूत नहीं है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि शराब का स्प्रे करने से फसलों की जड़ों में अल्कोहल का अवशोषण होता है जो फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है। अल्कोहल फसलों के पोषक तत्वों को कम कर सकता है और फसलों की प्रतिरक्षा क्षमता को कमजोर कर सकता है। इससे फसलों को अन्य रोगों और कीटों का हमला झेलना पड़ सकता है।

दूसरी ओर, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि शराब का स्प्रे करने से फसलों पर एक तरह का प्रोटेक्टिव लेयर बन जाता है जो फसलों को फंगस और झुलसा से बचाता है। शराब में मौजूद अल्कोहल फंगस को मारने में सक्षम होता है। शराब में मिलाई गई दवाएं भी फसलों की वृद्धि और उत्पादन में योगदान करती हैं।

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