Vegetable Farming भिंडी की खेती से हो रहा है आत्मनिर्भर, अब नगदी फसलों की जगह अन्न सुरक्षित और लाभकारी खेती

छपरा के किसानों ने अपनी खेती को नई दिशा देने के लिए चुना, नगदी फसलों की जगह अब उन्होंने शुरू की है भिंडी की खेती।

Vegetable Farming भिंडी की खेती से हो रहा है आत्मनिर्भर, अब नगदी फसलों की जगह अन्न सुरक्षित और लाभकारी खेती
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छपरा के किसानों की भिंडी की खेती

छपरा, बिहार: कृषि क्षेत्र में नए परिवर्तनों के साथ, छपरा के किसान अब नगदी फसलों की जगह अन्न सुरक्षित और लाभकारी खेती की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इस नए कृषि दृष्टिकोण में, वे पारंपरिक खेती की बजाए अब बहुप्रकारी फसलों की खेती में सक्षम हो रहे हैं, जिससे उन्हें नहीं सिर्फ फलने का मौका मिल रहा है, बल्कि उनका मुनाफा भी बढ़ रहा है।

जय लाल प्रसाद का कृषि दृष्टिकोण:

छपरा के किसान, जय लाल प्रसाद, ने बताया कि उनका कृषि क्षेत्र में 30 सालों का अनुभव है, और पिछले कुछ समय से उन्होंने पारंपरिक तरीके से खेती करना छोड़कर सब्जी की खेती में कदम रखा है। वह अब 18 कट्ठे क्षेत्र में उन्नत वैरायटी की भिंडी की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें निरंतर फलन और अच्छा मुनाफा हो रहा है।

भिंडी की खेती का मॉडल:

जय लाल प्रसाद के पुत्र, परमात्मा कुमार, ने बताया कि उन्होंने राधिका और आर के वैरायटी का चयन करके भिंडी की खेती को और भी उन्नत बनाया है। इस नए दृष्टिकोण में वे पारिवारिक भरण-पोषण के साथ-साथ स्थानीय बाजार में भी बेहतर मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं।

अच्छा मुनाफा हर रोज:

इस नए कृषि मॉडल से उनका रोजाना कमाई का मुख्य स्रोत भिंडी की खेती है। प्रतिदिन उनके 18 कट्ठे क्षेत्र से लगभग 40 से 50 किलो भिंडी निकलती है, जो स्थानीय बाजार में अच्छी कीमत पर बिक जाती है। इससे उनकी रोजाना कमाई लगभग 1500 रुपए तक हो रही है, जो किसानों के लिए एक बड़ी सफलता है।

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