धान की सीधी बुवाई के लाभ एवं धान की सीधी बुवाई में खरपतवार नियंत्रण

सीधी बुआई तकनीक: धान की खेती में एक उत्कृष्ट विकल्प

धान की सीधी बुवाई के लाभ एवं धान की सीधी बुवाई में खरपतवार नियंत्रण
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कृषि उपकरणों की नवाचारी तकनीकों के साथ, धान की खेती में सुधार लाने के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प "सीधी बुआई तकनीक" है। यह तकनीक पानी की बचत, काम की बचत, और बेहतर उत्पादन के साथ-साथ किसानों के लिए बड़ा लाभ प्रदान करती है।

आवश्यकता का कारण: रोपण विधि के साथ काम करने पर धान की खेती में अधिक पानी की आवश्यकता होती है। एक किलो धान के लिए लगभग 4000-5000 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। सीधी बुआई में खेत में पानी की आवश्यकता कम होती है, जो पानी की बचत का कारण बनता है।

सीधी बुआई की तकनीक: सीधी बुआई के लिए विभिन्न उपकरण उपयुक्त होते हैं, जैसे कि जीरो टिल ड्रिल या मल्टीक्राप प्रणाली। बुआई हेतु बैल चलित सीड ड्रिल भी उपयोगी होता है। इन उपकरणों के साथ धान की बुआई करने से खेत में उचित व्यवस्थित बीज बोने जा सकते हैं, जो उत्पादन में सुधार करता है।

उपयोगकर्ता लाभ: सीधी बुआई तकनीक का उपयोग करने से खेती की लागत कम होती है, क्योंकि बीजों का सही दर पर उपयोग होता है। साथ ही, कामची व्यवस्था से किसानों को अधिक व्यक्तिगत ध्यान देने का मौका मिलता है, जो खेती की उत्तम देखभाल सुनिश्चित करता है।

सीधी बुआई तकनीक धान की खेती में एक सुसंगत और लाभकारी विकल्प है। यह पानी की बचत, काम की बचत, और अधिक उत्पादन के साथ-साथ किसानों को अधिक समय और उपार्जन मौके प्रदान करती है। इस तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करने से कृषि क्षेत्र में सुधार हो सकता है और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।

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