Betel Farming in UP: यूपी के किसानों के लिए खुशखबरी! अब पान की खेती के लिए मिल रही है 75000 रुपये की सब्सिडी, ऐसे करना होगा आवेदन

Betel Farming in UP: यूपी के किसानों के लिए खुशखबरी! अब पान की खेती के लिए मिल रही है 75000 रुपये की सब्सिडी, ऐसे करना होगा आवेदन
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पान की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार पान की खेती को बढ़ावा देने का काम कर रही है। साथ ही, पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों को सब्सिडी सुविधा भी दे रही है, ताकि किसान इसकी खेती की ओर रुख कर सकें। इस योजना के अंतर्गत, उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को 75,000 रुपये तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। आइए, इस पूरी योजना को जानते हैं।

पान की खेती के लिए सरकार दे रही पैसे

पान की खेती के लिए प्रति बरेजा 1500 वर्गमीटर में बनाए जाने वाले 1,51,360 रुपये के खर्च का 50 प्रतिशत सरकार द्वारा किसानों को प्रदान किया जाएगा। इसका मतलब है कि सरकार किसानों को 75,680 रुपये की सब्सिडी प्रदान करेगी। बाकी राशि को किसानों को स्वयं देना होगा। साथ ही, 12 जिलों में 63 बरेजों का निर्माण भौतिक लक्ष्यों के आधार पर किया जाएगा।

इन किस्मों के लिए दिया जाएगा अनुदान

उत्तर प्रदेश सरकार की योजना के अंतर्गत, पान की देशी, बंगला, कलकतिया, कपूरी, रामटेक, मंघही, बनारसी, आदि उन्नतशील प्रजातियों की खेती पर ही अनुदान प्रदान किया जाएगा। इसका अर्थ है कि किसान को इस योजना का लाभ उस समय मिलेगा जब वह इन प्रजातियों की खेती करेगा। इस कार्यक्रम की सफलता के लिए, किसानों को पान की खेती के तकनीकी ज्ञान के लिए तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना महत्वपूर्ण है। तकनीकी जानकारी तक पहुंच को आसान बनाने के लिए, किसानों को तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाएगी।

किसानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

प्रशिक्षण के लिए चयनित जिलों के चयनित लाभार्थियों के लिए विभागीय अनुसंधान केन्द्रों पर प्रशिक्षण का आयोजन किया जायेगा. जिसमें पान अनुसंधान केंद्रों के वैज्ञानिकों, पान विशेषज्ञों और भारत सरकार के संस्थानों के पान विशेषज्ञों को बुलाया जाए. किसानों को पान की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अनुसंधान केंद्रों पर प्रचार-प्रसार के लिए साहित्य की भी व्यवस्था की जाएगी.

कैसे होगा अनुदान धनराशि का भुगतान

अनुदान का पूरा पैसा किसानों के बैंक खाते में सीधे जमा किया जाएगा.

इस संबंध में लाभार्थी किसानों को एक कांट्रैक्ट लेटर भरना होगा कि यदि अनुदान में प्राप्त राशि का उपयोग पान की खेती में नहीं किया जाता है तो सब्सिडी राशि वापस कर दी जायेगी.

यदि लाभार्थी द्वारा मानक के अनुसार कार्य नहीं किया जाता है तो सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी से अनुमति प्राप्त कर वसूली सुनिश्चित किया जाय.

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