किसानों के लिए बड़ी खबर! अब केंद्र सरकार जल्द ले सकती बड़ा फैसला, लाखों किसानों को होगा सीधा फायदा

किसानों के लिए बड़ी खबर! अब केंद्र सरकार जल्द ले सकती बड़ा फैसला, लाखों किसानों को होगा सीधा फायदा
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हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादक किसानों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार की मांग पर ध्यान देते हुए नाफेड के माध्यम से सेब की खरीदी के लिए एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी की दायित्व है कि वह हिमाचल सरकार की मांग की समीक्षा करें और इसके बाद एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर, केंद्र सरकार सेब की खरीदारी के लिए नाफेड के माध्यम से किसानों से फैसला ले सकती है, जैसे कि धान और गेहूं की खरीदी होती है। इससे किसानों को सेब के उचित दाम मिलने की उम्मीद है।

इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में सेब की फसलों को बहुत नुकसान हुआ है। अधिक बारिश के कारण कई सेब बागान भूस्खलन का शिकार हो गए और जमीनों में खाई बन गई। इससे किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। साथ ही, बेमौसम बारिश से सेब के फलों का भी नुकसान हुआ, जो पेड़ों पर ही सड़ गए। इससे उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ा। इसके अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश में बारिश से कई सड़कें खराब हो गईं हैं, जिससे सेब की फसलें समय पर मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही हैं।

एक कमेटी का गठन कर दिया

स्थानीय किसानों का कहना है कि पहले मौसम ने उनकी फसल को बर्बाद किया और अब मार्केट में सेब के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। इससे उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है। उनकी मांग है कि केंद्र सरकार सेब की सीधी खरीदारी करें, जैसे कि धान और गेहूं की तरह। इसलिए हिमाचल सरकार ने केंद्र से सेब की खरीदी की मांग की है और उसके लिए नाफेड के माध्यम से कमेटी की मांग की है।

हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत है

बता दें कि कश्मीर के बाद सबसे ज्यादा सेब का प्रोडक्शन हिमाचल प्रदेश में होता है. यह सेब के उत्पादन के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है. हिमाचली सेब की सप्लाई सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि पड़ोसी देश नेपाल में भी होती है. खास बात यह है कि देश में उत्पादित कुल सेब में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत है.

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