हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, 28 मार्च से शुरू होगी सरसों और गेहूं की सरकारी खरीद, प्रति क्विंटल पर इतना अधिक मिलेगा MSP का भाव

उन्हें खरीद बेच को लेकर भी कोई दिक्कत नहीं उठानी पड़ेगी। MSP पर सरसों गेहूं की सरकारी खरीद के लिए सरकार ने तारीख जारी कर दी है

हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, 28 मार्च से शुरू होगी सरसों और गेहूं की सरकारी खरीद, प्रति क्विंटल पर इतना अधिक मिलेगा MSP का भाव
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हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, 28 मार्च से शुरू होगी सरसों और गेहूं की सरकारी खरीद, प्रति क्विंटल पर इतना अधिक मिलेगा MSP का भाव

हरियाणा में किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है अब सरकारी खरीद केदो पर सरसों और गेहूं की जमकर खरीद होगी, इससे नए केवल किसानों को अधिक मूल्य प्राप्त होगा बल्कि उन्हें खरीद बेच को लेकर भी कोई दिक्कत नहीं उठानी पड़ेगी। MSP पर सरसों गेहूं की सरकारी खरीद के लिए सरकार ने तारीख जारी कर दी है यहां देखें कौन सी तारीख से शुरू होगी खरीद-

किसान अपनी फसल इसी महीने 28 मार्च से 1 अप्रैल पर या बाद से एमएसपी रेट पर बेचे क्योंकि सरकारी खरीद केदो पर इसी महीने सरसों की खरीद शुरू होने वाली है इसके लिए 104 केंद्र की स्थापना की गई है गेहूं को एमएसपी रेट पर बेचने के लिए 1 अप्रैल से खरीद शुरू होगी इसके लिए भी 414 केदो की स्थापना की गई है। इन केदो का निर्माण विभिन्न जिलों में किया गया है जिससे किसानों को अपनी फसल को आसानी से बचने के अवसर प्राप्त होंगे

आईए जानते हैं गेहूं की सरकारी खरीद के कुछ केदो के नाम

एमएसपी रेट पर अपनी फसलों को बेचने के लिए सरकार ने इन जिलों को चुना है इसमें पेटवाड, सरसोद, श्यामसुख, सिसाय, थुराना, बंदाहेड़ी, बरवाला, बास, आदमपुर, अग्रोहा, कोथकलां, लोहारी राघो, हांसी, हसनगढ़, हिसार, खांडाखेड़ी, नारनौंद, उकलाना, कैमरी, राजली, मतलौडा, बालसमंद, दौलतपुर, घिराय, खेड़ी जालब आदि में केंद्र बनाए गए हैं, जहां गेहूं की सरकरी खरीद होगी.

केंटो में खरीद की जाएगी सरसों गेहूं की यहां सरकारी खरीद किसानों को स्थानीय बाजार से भी अधिक मूल्य प्रदान करेगी इस साल सरकार ने सरसों के एसपी में भी ₹200 की बढ़ोतरी की है जिससे किसानों का दिखलाओ होगा इससे किसानों की निजी खरीदारों पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी अधिक मूल्य प्राप्त होगा

इस साल, सरकार ने सरसों के एमएसपी में भी 200 रुपये की बढ़ोतरी की है, जिससे किसानों को अधिक लाभ होगा। इससे किसानों को निजी खरीदारों पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं होगी और उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी अधिक मूल्य प्राप्त होगा।


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