बड़ा रिसर्च : 200 से अधिक पौधों पर यह किसान कर रहा है बड़ा रिसर्च, जहर मुक्त हो खेती से कमा रहा है दोगुनी आय

बड़ा रिसर्च : 200 से अधिक पौधों पर यह किसान कर रहा है बड़ा रिसर्च, जहर मुक्त हो खेती से कमा रहा है दोगुनी आय
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बड़ा रिसर्च : 200 से अधिक पौधों पर यह किसान कर रहा है बड़ा रिसर्च, जहर मुक्त हो खेती से कमा रहा है दोगुनी आय

खेत खजाना, नागौर, राजस्थान: नागौर के किसान प्रताप सिंह राजपुरोहित ने खेती के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करते हुए अपनी बगीचे में 200 से अधिक पौधों पर रिसर्च कर रहे हैं, जिससे किसानों को दोगुनी आय की संभावना है। इन पौधों में औषधीय और फलदार पौधे शामिल हैं, जो कि नागौर की भूमि के लिए अनुकूल होने का प्रमाण कर रहे हैं।

प्रताप सिंह ने बताया कि उनका उद्देश्य खेती के साथ-साथ नर्सरी के क्षेत्र में भी काम करना है, ताकि वह नागौर में कौन-कौन से पौधे सफलता के साथ उगा सकते हैं और कौन से पौधे इस क्षेत्र के मित्र हो सकते हैं। इसके अलावा, वह जानना चाहते हैं कि कौन सी पौधे नागौर की धरती के लिए उपयुक्त हैं ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके।

रिसर्च के दौरान, प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने परंपरागत तरीके से औषधीय और फलदार पौधे तैयार करने का काम शुरू किया है। इसका मुख्य उद्देश्य नागौर जिले में जहरीले पौधों की कमी करना है। उन्होंने पिछले पांच सालों से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं और अपने अनुभव से बताया कि जैविक खाद और जीवामृत का प्रयोग करते हुए वह अलग-अलग पौधों की रोपण तकनीकों को अपना रहे हैं।

इन फलदार पौधों में चीकू, आम, अनार, नींबू, सेव, लिच्छी, चेरी, बिल, सेव, बोर गूंदे, और विभिन्न प्रकार के पौधे शामिल हैं। प्रताप सिंह ने बताया कि वे एक ही पौधे पर दो से तीन किस्मों को लगाते हैं ताकि किसानों को अधिक विकल्प मिल सके और उनकी आय में वृद्धि हो सके।

औषधीय पौधों की बात करते हुए, उनमें गिलोय, भुई आंवला, संघ पुष्पी, ग्वारपाठा, हरसिंगार, अश्वगंधा, सदाबहार, तुलसी, हींग, कपूर, गुड़हल, बील आंवला जैसे पौधे शामिल हैं। इनमें से हर एक पौधा विशेष औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जो आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सा में उपयोग होते हैं।

प्रताप सिंह ने बताया कि उनका उद्देश्य किसानों को उन्नत तकनीकों के साथ अधिक जानकारी प्रदान करना है ताकि वे अपनी खेती में सफलता प्राप्त कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि वह खुद भी नर्सरी के क्षेत्र में काम करते हैं, जिससे उन्हें बागबानी के क्षेत्र में और भी अधिक ज्ञान प्राप्त हो रहा है।

नागौर के किसान प्रताप सिंह राजपुरोहित की यह पहल, न केवल उनके खुद के उत्कृष्टता के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के किसानों के लिए भी एक नई दिशा है। इन उपायों और तकनीकों के साथ, वह नहीं सिर्फ अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं बल्कि उनके अनुसार और भी किसानों को इससे लाभ हो रहा है।

इस प्रयास में उन्हें समर्थन मिलने पर नागौर की खेती में एक नया क्षेत्रफल हो सकता है, जिससे नागौर को अन्य क्षेत्रों में भी एक नई पहचान मिल सकती है। इस उत्कृष्ट पहल के साथ, नागौर जिले के किसान नए और उन्नत खेती के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकते हैं और खुद को एक सशक्त और समर्थ समुदाय का हिस्सा बना सकते हैं।

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