Black Rice Farming: 500 रुपये किलो बिकता है यह चावल, खेती करते ही हो जाएंगे मालामाल

काले चावल की रोपाई करने के बाद 100 से 110 दिन में इसकी फसल पक कर तैयार हो जाती है. इसके पौधों की लंबाई आम धान के पौधों से ज्यादा होती है.

Black Rice Farming: 500 रुपये किलो बिकता है यह चावल, खेती करते ही हो जाएंगे मालामाल
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बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में किसान धान की खेती में जुट गए हैं. कोई बासमती धान की रोपाई कर रहा है, तो कोई मंसूरी और हाइब्रिड किस्म की नर्सरी तैयार कर रहा है. वहीं, कई किसानों का मानना है कि धान जैसी पारंपरिक फसल की खेती में मेहनत के साथ-साथ लागत भी बहुत अधित है, लेकिन इसके मुकाबले फायदा न के बराबर है. पर अब फार्मर्स को टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. अगर किसान भाई काले धान की खेती करते हैं, तो अधिक मुनाफा कमा सकते हैं, क्योंकि यह बासमती से भी काफी महंगा बिकता है.

ऐसे भी इन दिनों भारत में काले चावल की मांग बढ़ गई है. चिकित्सकों की सलाह पर पैसे वाले लोग मोटी रकम खर्च कर काले चावल का सेवन कर रहे हैं. कहा जाता है कि काला चावल खाने से शुगर की बीमारी कंट्रोल में रहती है. साथ ही काला चावल ब्लड प्रेशसर जैसी बीमारी के लिए भी रामबाण है. हमेशा काला चावल खाने से शरीर स्वस्थ रहता है. साथ ही बॉडी में रोग से लड़ने की क्षमता भी बढ़ जाती है. ऐसे में अगर किसान भाई ब्लैक राइस की फार्मिंग करते हैं, तो अच्छी कमाई कर सकते हैं.

इन राज्यों में होती है काले चावल की खेती

ऐसे काले चावल की खेती सबसे अधिक असम, सिक्किम और मणिपुर में होती है. लेकिन अब मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी किसानों ने काले चावल की खेती शुरू कर दी है. काले चावल को अंग्रेजी में ब्लैक राइस कहा जाता है. पकाने के बाद काले चावल का रंग बदल जाता है. फिर यह बैंगनी कलर का दिखने लगता है. ऐसे काले चावल की खेती भी सामान्य चावल की तरह ही की जाती है. काले चावल की खेती की शुरुआत चीन से हुई थी. इसके बाद भारत में सबसे पहले असम और मणिपुर के फार्मर्स ने इसे उगाना शुरू कर दिया.

इतने दिनों में तैयार हो जाती है पूरी फसल

ब्लैक राइस की रोपाई करने के बाद इसकी फसल 100 से 110 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है. इसके पौधों की लंबाई आम धान के पौधों से ज्यादा होती है. वहीं, इसके धान के दाने भी लंबे होते हैं. अगर किसान भाई काले चावल की फार्मिंग करते हैं, तो उनकी इनकम कई गुना बढ़ जाएगी. इसकी कीमत काफी अधिक है. जहां सामान्य चावल मार्केट में 50 से 60 रुपये किले बिकता है, वहीं एक किलो काले चावल का रेट 200 से 250 रुपये होता है. यदि जैविक विधि से खेती की गई है, तो तो इसका रेट दोगुना हो जाता है.

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