काले गेहूं की खेती कैसे करें? काले गेहूं की खेती का तरीका, फायदे और नुकसान

काले गेहूं की खेती कैसे करें? काले गेहूं की खेती का तरीका, फायदे और नुकसान
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काले गेहूं की खेती: Black Wheat Varietiesएक नई किस्मत विकसित करने का प्रयास

काले गेहूं की खेती भारतीय किसानों के बीच एक आकर्षक विकल्प बन रही है। यह एक नई किस्मत की खेती है जो किसानों को अधिक मुनाफा देने की क्षमता रखती है। वर्तमान समय में भारत में काले गेहूं की कई प्रजातियां मौजूद हैं। इनमें से कुछ प्रजातियां अधिक उत्पादन देती हैं और कुछ प्रजातियां रोग प्रतिरोधक गुणों के साथ आती हैं। किसानों की रुचि काले गेहूं की ओर अधिक बढ़ रही है, क्योंकि इससे उन्हें बेहतर कमाई होती है।

काले गेहूं Black Wheat Varietiesकी प्रमुख खेती विधियां

  1. बीज चुनें: काले गेहूं की खेती के लिए सही बीज का चयन करना महत्वपूर्ण है। नाबी द्वारा विकसित की गई नई किस्में उत्पादकता और रोग प्रतिरोधक गुणों में अधिक उन्नति प्रदान करती हैं।
  2. खाद का उपयोग: काले गेहूं की खेती में उचित मात्रा में खाद का उपयोग करना आवश्यक होता है। खाद वनस्पति के विकास और पोषण के लिए महत्वपूर्ण होती है।
  3. सिंचाई: काले गेहूं की सही सिंचाई करना आवश्यक है। यह पानी की आवश्यकता के अनुसार और मौसम की पर्याप्तता के अनुसार होनी चाहिए। समय-समय पर सिंचाई करें और पानी की बचत करें।
  4. खरपतवार नियंत्रण: काले गेहूं की खेती में खरपतवार को नियंत्रित करना आवश्यक है। इसके लिए कीटनाशक और उपयुक्त प्रबंधन तकनीकों का उपयोग करकाले गेहूं की खेती का तरीका (Black Wheat Farming)
  5. बीज चुनें: काले गेहूं की खेती के लिए सही बीज का चयन करना महत्वपूर्ण है। नाबी द्वारा विकसित की गई नई किस्में उत्पादकता और रोग प्रतिरोधक गुणों में अधिक उन्नति प्रदान करती हैं। बीज को आपकी क्षेत्र के मौसम, मिट्टी की गुणवत्ता और प्रकृति के अनुसार चुनें।
  6. खाद का उपयोग: काले गेहूं की खेती में उचित मात्रा में खाद का उपयोग करना आवश्यक होता है। खाद वनस्पति के विकास और पोषण के लिए महत्वपूर्ण होती है। उर्वरक और जैविक खाद का उपयोग करें ताकि मिट्टी की गुणवत्ता सुधारे और पौधों को पूर्ण मात्रा में पोषण मिले।
  7. सिंचाई: काले गेहूं की सही सिंचाई करना आवश्यक है। यह पानी की आवश्यकता के अनुसार और मौसम की पर्याप्तता के अनुसार होनी चाहिए। समय-समय पर सिंचाई करें और पानी की बचत करें। कृषि तकनीकों का उपयोग करें जैसे कि सिंचाई के लिए ट्रिकलर सिस्टम और बूस्टर पंप।
  8. खरपतवार नियंत्रण: काले गेहूं की खेती में खरपतवार को नियंत्रित करना आवश्यक है। इसके लिए कीटनाशक और उपयुक्त प्रबंधन तकनीकों का उपयोग करें। नियमित जंगली घास और खरपतवार की सफाई करें। जैविक खेती की तकनीकों का उपयोग करें जैसे कि जैविक कीटनाशक और सजीव मिट्टी संरक्षण।
  9. पूर्णावसानी: गेहूं के पौधों को सही समय पर पूर्णावसानी करें। संयंत्र के स्वस्थ विकास के लिए उचित प्रबंधन करें। जल्दी गेहूं की कटाई न करें, वरना उत्पादकता प्रभावित हो सकती है।

काले गेहूं की Black Wheat Varieties खेती के फायदे

काले गेहूं में औषधीय गुण पाए जाते हैं जो डायबिटीज, घुटनों का दर्द, हार्ट अटैक, कैंसर, एनीमिया और मानसिक तनाव जैसी समस्याओं में मददगार हो सकते हैं।

काले गेहूं में उच्च मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन संबंधी समस्याओं, कब्ज रोग और पेट के कैंसर से निजात दिलाता है।

यह उच्च कोलेस्ट्रॉल को न# काले गेहूं की खेती: विधि, फायदे और नुकसान

उत्पादकता और प्रयोग की ओर आकर्षित हो रही काले गेहूं की खेती

किसानों की रुचि नए प्रयोग का इस्तेमाल कर खेती करने की और आकर्षित हो रहा है, जिसमें वह अलग-अलग तरह की फसलों का उत्पादन कर रहे हैं। किसान अब नई किस्म की सब्जी और फसलों की खेती में अधिक रुचि दिखा रहे हैं। इसमें जिस खेती की तरफ किसानों का सबसे ज्यादा झुकाव हुआ है, वह गेहूं और काले धान की फसल है। इसका कारण है कि इससे किसानों की बेहतर कमाई हो जाती है। वर्तमान समय में भारत में गेहूं की कई प्रजातियां मौजूद हैं। जिसमें से कुछ प्रजातियां अधिक उत्पादन और कुछ रोग प्रतिरोधक वाली हैं। किन्तु इनके बीज देखने में एक जैसे ही होते हैं, लेकिन काले गेहूं का बीज काला ही होता है। किसान भाइयों का रूझान भी सामान्य गेहूं के मुकाबले काले गेहूं की ओर अधिक बढ़ रहा है।

काले गेहूं की मांग और उपयोग में वृद्धि

जिसका कारण बाज़ारों में काले गेहूं की अधिक मांग होनी है। इसके अलावा काले गेहूं का निर्यात भी काफी बढ़ गया है। जिस वजह से किसानों का ध्यान काले गेहूं की ओर अधिक है। उत्तर प्रदेश राज्य में कई किसान काले गेहूं की फसल उगाकर तगड़ी कमाई कर रहे हैं। कृषि अधिकारियों का मानना है कि डायबिटीज वाले व्यक्ति के लिए काला गेहूं बहुत ही फायदेमंद है। यदि आप भी काले गेहूं की खेती करने का मन बना रहे हैं, तो इस लेख में आपको काले गेहूं की खेती कैसे करें, काले गेहूं की खेती का तरीका, फायदे और नुकसान क्या हैं, की जानकारी दी जा रही है।

काले गेहूं की किस्में (Black Wheat Varieties)

पंजाब के मोहाली शहर में स्थित नाबी या नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नॉलजी इंस्टीट्यूट द्वारा सात वर्ष तक रिसर्च करके काले गेहूं की नई किस्म को विकसित किया गया है। नाबी के पास इसका पेटमाफ़ कीजिए, काले गेहूं की खेती के बारे में मेरे पास अधिक जानकारी नहीं है। मेरा डेटा 2021 तक है और उस समय तक काले गेहूं की खेती के बारे में प्रमाणित जानकारी नहीं है। आप विशेषज्ञों से सलाह लेने की सलाह देता हूँ जो आपको काले गेहूं की खेती के बारे में सटीक और विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।

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