भैंस पावसती नहीं है? चिंता छोड़िए, यह दो होमियोपैथिक उपाय करें, कोई साइड इफेक्ट नहीं

कई किसानों ने पाया है कि इन दो होमियोपैथिक उपायों से उनकी भैंसों को पावसती की स्थिति में सुधार कर सकता है,

भैंस पावसती नहीं है? चिंता छोड़िए, यह दो होमियोपैथिक उपाय करें, कोई साइड इफेक्ट नहीं
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भैंस पावसती नहीं है? चिंता छोड़िए, यह दो होमियोपैथिक उपाय करें! कोई साइड इफेक्ट नहीं

किसान भाइयों और पशु पालनकर्ताओं को अक्सर उनकी भैंसें दूध देने में समस्याए होती हैं। यदि आपकी भैंस दूध नहीं दे रही है या समय पर नहीं दे रही है, तो आपके लिए यहां हैं दो होमियोपैथिक उपाय, जिनसे आप बिना किसी टेबलेट या इंजेक्शन के भैंस के दूध को बढ़ा सकते हैं।

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इस दवा का उपयोग करने के लिए, आपको हर बार दूध निकालने के समय भैंस की जीभ पर आधा घंटा इसे डालना है। यह उपाय भैंस के नेचुरल प्रोसेस को सहारा देता है और भैंस को जल्दी पवासने में मदद करता है

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इस दूसरे होमियोपैथिक उपाय को भी दूध निकालते समय उपयोग मे लाये। यह भैंस की प्रजनन शक्ति को बढ़ाने में मदद कर सकता है और दूध की उत्पादन बढ़ा सकता है।

इन दवाओं का सही इस्तेमाल

दोनों दवाएं होमियोपैथी हैं, और इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।

हर बार दूध निकालते समय एक एक ml दवा लें।

स्क्रीन शूट करें या दवाओं का नाम नोट करें।

इस प्रयास से, कई किसानों ने पाया है कि इन दो होमियोपैथिक उपायों से उनकी भैंसों को पावसती की स्थिति में सुधार कर सकता है, और उन्हें स्वाभाविक रूप से दूध देने में मदद कर सकता है।

ध्यान दें: इन उपायों का इस्तेमाल करने से पहले वेटरिनेरियन से सलाह जरूर लें। हर किसी की भैंस के पावसने की स्थिति अलग होती है, और सही उपाय का चयन करने के लिए एक वेटरिनेरिन से मिलकर बातचीत करना हमेशा अच्छा होता है।

इन दो होमियोपैथिक उपायों को सही तरीके से इस्तेमाल करके, आप अपनी भैंसों को स्वस्थ रखकर उच्च गुणवत्ता वाला दूध प्राप्त कर सकते हैं।

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