क्या खुद की खेती करने वाली जमीन पर बना सकते हैं घर? जानिए नियम

क्या खुद की खेती करने वाली जमीन पर बना सकते हैं घर? जानिए नियम
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क्या खुद की खेती करने वाली जमीन पर बना सकते हैं घर? जानिए नियम

खेत खजाना: जब आबादी बढ़ती जा रही है और लोगों के लिए रहने के घर की कमी हो रही है, तो कुछ लोग खेती की जमीन का उपयोग रहने के लिए कर रहे हैं। यह आपकी जमीन हो सकती है जहां पहले सिर्फ़ खेती होती थी। लेकिन खेती की जमीन पर घर बनाना आसान नहीं है और इसके लिए आपको निश्चित नियमों का पालन करना होगा।

खेती योग्य जमीन वह है जहां फसलों की उत्पादन आसानी से किया जा सकता है। ऐसी जमीनें हर साल फसल उगाने के लिए उपयुक्त होती हैं। कृषि योग्य जमीन उस भूमि क्षेत्र को कहा जाता है जिसे स्थायी चरागाह, फसलों और कृषि के इस्तेमाल के लिए उपयोगी माना जाता है। इसलिए, यदि आप खेती योग्य जमीन में घर बनाना चाहते हैं, तो आपको इसे आवास क्षेत्र में बदलने के लिए अनुमति लेनी होगी। कनवर्जन नामक यह नियम कुछ राज्यों में प्रभावी है। कनवर्जन के बाद ही खेती योग्य जमीन पर घर बना सकते हैं।

खेती योग्य जमीन पर घर बनाने के नियम

खेती योग्य जमीन पर घर बनाने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:

भूमि का मालिकाना पत्र: जमीन के संप्रभुत्व का प्रमाण होना चाहिए।

मालिकाना हक, किरायेदारी और फसलों का रिकॉर्ड: यह दस्तावेज़ा खेती योग्य जमीन के मालिक के पास होना चाहिए।

सेल डीड और म्यूटेशन डीड: यदि जमीन किसी को गिफ्ट में मिली है, तो इसकी प्रमाणित प्रतिलिपि होनी चाहिए।

स्थानीय नगर पालिका या ग्राम पंचायत की स्वीकृति: NOC (No Objection Certificate) की आवश्यकता होती है।

सर्वे मैप, लैंड यूटिलाइजेशन प्लान, और लैंड रेवेन्यू की रसीद: यह दस्तावेज़े भी मांगे जा सकते हैं।

कोई बकाया या मुकदमा नहीं: यदि जमीन पर कोई बकाया राशि या मुकदमा है, तो इसे सुलझाना आवश्यक है।

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