किसानों के खाते में अभी तक नहीं पहुंचा 2022 में बारिश से खराब हुई फसल का मुआवजा

किसानों के खाते में अभी तक नहीं पहुंचा 2022 में बारिश से खराब हुई फसल का मुआवजा
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खेत खजाना : जिले के कई किसानों को अपनी खराब हुई बाजरा फसल के नुकसान की भरपाई अभी तक नहीं मिली है। इस मुद्दे को लेकर कई किसान सरकारी दफ्तरों में चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक स्पष्ट जवाब नहीं मिला है। इस समस्या का जल्दी से जल्दी समाधान होने की आशा है।

वर्ष 2022 में रेवाड़ी के किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बाजरा और कपास की फसल का बीमा करवाया था। बारिश के साथ आने वाली ओलावृष्टि के कारण उनकी फसलों में नुकसान हुआ था। इसकी शिकायत किसानों ने बीमा कंपनी को की थी, जिसके बाद निजी बीमा कंपनी ने कपास की मुआवजा राशि किसानों के बैंक खाते में जमा कर दी थी, लेकिन बाजरा की राशि अभी तक नहीं मिली है।

इस मुआवजा राशि न मिलने के काराण, रेवाड़ी के किसानों को काफी परेशानी हो रही है। उन्हें अपने घर का खर्च चलाने में भी मुश्किल हो रही है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, कृषि विभाग ने इस मामले की जांच करने का आश्वासन दिया है। बीमा कंपनी से संपर्क स्थापित करके इस मामले की जांच की जाएगी और सरकारी नियमों के अनुसार किसानों को मुआवजा राशि दिलाई जाएगी।

जिले में खरीफ फसल 2023 के लिए 30,500 किसानों ने अपनी फसलों का पंजीकरण करवा दिया है। इसका अंतिम दिन 31 जुलाई है। इस साल कृषि विभाग ने जिले में 75,000 हेक्टेयर में बाजरा की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है, और इसमें से लगभग सभी किसानों द्वारा फसल बोई जा चुकी है। पछेती फसल की बिजाई करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई है।

कृषि विकास अधिकारी संजय सिंह यादव ने बताया है कि किसानों को उनकी समस्या का समाधान जल्दी से जल्दी मिलेगा। उन्होंने कहा है कि बीमा कंपनी से संपर्क स्थापित करके उसकी जांच की जाएगीऔर किसानों को उनकी मुआवजा राशि दिलाई जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा जो किसानों का हक है, वह उन्हें मिलेगा। रेवाड़ी जिले के किसानों को न्याय मिलेगा और उनकी समस्या का समाधान होगा।

इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि किसानों को अपनी समस्याओं को सरकारी पोर्टल "मेरी फसल मेरा ब्यौरा" पर संपर्क करके रखना चाहिए। वहां पर किसानों की शिकायतों को संबंधित नियमों के अनुसार देखा जाता है और इसके आधार पर उन्हें जल्दी से जल्दी समाधान प्रदान किया जाता है।

इससे आगे बढ़ते हुए, कृषि विभाग ने रेवाड़ी जिले में खरीफ फसल की उपज को बढ़ाने के लिए 1,29,000 एकड़ भूमि का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने और उनकी आय को बढ़ाने में मदद करेगा।

किसानों के खाते में अभी तक नहीं पहुंचा 2022 में बारिश से खराब हुई बाजरा फसल का मुआवजाइसके साथ ही, किसानों को अपनी पछेती फसल की बिजाई को भी समय पर करने की सलाह दी जाती है। बिजाई के लिए आखिरी तिथि 15 जुलाईहै, इसलिए किसानों को इस तिथि का पालन करके अपनी पछेती फसल की बिजाई करनी चाहिए। यह महत्वपूर्ण है ताकि किसानों को उनकी मेहनत का फल मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।

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