भारतीय खेती में नवाचार और नई तकनीकों का योगदान: गजेन्द्र सिंह शेखावत के द्वारा की गई चर्चा

गजेन्द्र सिंह शेखावत ने काजरी के संघ को सराहा, जो किसानों के हितों में 65 साल से काम कर रहा है। काजरी ने पश्चिमी राजस्थान में पेड़ लगाने का काम किया और कृषि सेक्टर में महत्वपूर्ण योगदान किया

भारतीय खेती में नवाचार और नई तकनीकों का योगदान: गजेन्द्र सिंह शेखावत के द्वारा की गई चर्चा
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भारतीय कृषि सेक्टर में नवाचार और नई तकनीकों के अपनाने का समय आ चुका है, और इसके बारे में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के विचार हमारे सामने हैं। उन्होंने हाल ही में एक किसान-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम के माध्यम से बताया कि भारत के कृषि क्षेत्र में नवाचार और तकनीकों के अपनाने का महत्वपूर्ण है। उनके इस उद्घाटन भाषण से हम सभी को यह समझने को मिलता है कि कृषि सेक्टर की नई दिशा क्या होनी चाहिए।

भारतीय कृषि का इतिहास

भारत एक कृषि प्रधान देश है, और इसका कृषि सेक्टर देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अनेक दशकों तक, खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि करने का प्रमुख उद्देश्य था। लेकिन आज, हम दुनिया के मुख्य खाद्यान्न उत्पादकों में शामिल हैं। इसमें भारत के कृषि सेक्टर के नवाचार और नई तकनीकों का बड़ा योगदान है।

काजरी: नवाचार की दिशा

गजेन्द्र सिंह शेखावत ने काजरी के संघ को सराहा, जो किसानों के हितों में 65 साल से काम कर रहा है। काजरी ने पश्चिमी राजस्थान में पेड़ लगाने का काम किया और कृषि सेक्टर में महत्वपूर्ण योगदान किया।

भारत: खाद्यान्न आधिक्य वाला देश

गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि भारत अब खाद्यान्न आधिक्य वाला देश है, जिसमें विश्व के दस बड़े खाद्यान्न उत्पादक देशों में शामिल है। हम अब दलहन, कपास, गन्ना, चीनी, और दूध के उत्पादन में विश्व में अग्रणी हैं। इसके साथ ही, हम पौल्ट्री और सब्जियों के उत्पादन में भी विश्व के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश हैं।

तकनीकी अपनाने का महत्व

गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि अब खेती में तकनीकी का अधिकतम उपयोग करना हमारे देश के लिए समय की मांग है। खेती में नवाचार और तकनीक की जरूरत है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके। गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि किसानों की खेती लाभकारी कैसे बनाई जा सकती है और इस पर काम करने के लिए सरकार कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।

स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट

गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट से भारत के किसानों की समृद्धि के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव आए हैं, और मोदी सरकार ने इन सुझावों को पूरी तरह से लागू किया है। इससे किसानों की खेती और उनकी आमदनी में सुधार हो रहा है।

कृषि सेक्टर की नई दिशा

मोदी सरकार ने कृषि सेक्टर में नवाचार और तकनीकों के अपनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके तहत, खेती में नई तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है जैसे कि:

1. जल संचालन के नए तरीके: जल के सही उपयोग के लिए स्मार्ट जल संचालन के तरीके डेवलप किए जा रहे हैं। यह खेतों में पानी की बचत करता है और समृद्धि को बढ़ावा देता है।

2. जैव खेती: जैव खेती के तरीकों का प्रयोग करके की जा रही है, जिससे खेतों की फसलों की गुणवत्ता बढ़ती है और जलवायु परिवर्तन का सामना किया जा सकता है।

3. एग्रो-टेक्नोलॉजी: नई और सबसे उन्नत एग्रो-टेक्नोलॉजी के तरीकों का प्रयोग हो रहा है, जिससे फसलों का प्रबंधन और उनकी सुरक्षा में सुधार हो रहा है।

4. खेती की डिजिटलीकरण: खेती को डिजिटल प्लेटफार्मों पर लाने के लिए कई डिजिटल और तकनीकी समाधान उपलब्ध हैं, जिनसे किसान अधिक सामग्री की खरीद और बेहतर प्रबंधन कर सकते हैं।

5. खेती में अधिक आवंटन: कृषि सेक्टर को अधिक आवंटन करके खेतों के उत्पादन में वृद्धि करने का काम चल रहा है।

समापन

गजेन्द्र सिंह शेखावत के इस उद्घाटन भाषण से स्पष्ट होता है कि भारत के कृषि सेक्टर के लिए नए और नवाचारी तरीकों की आवश्यकता है। नवाचार और तकनीकों के अपनाने से किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी और खेती क्षेत्र में एक नई दिशा मिलेगी। इससे हमारे देश की खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी और हम विश्व के अन्य खाद्यान्न उत्पादकों के साथ मुकाबला कर सकेंगे। इसलिए, हमें खेती में नवाचार और नई तकनीकों को स्वागत करना है और उन्हें समर्थन देना होगा ताकि हमारा कृषि सेक्टर और भी मजबूत हो सके।

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