Cotton Farming : इस वेरायटी में नहीं होगा गुलाबी सूँडी का अटैक, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित महाराष्ट्र और गुजरात के किसानों की होगी चिंता खत्म

Cotton Farming : इस वेरायटी में नहीं होगा गुलाबी सूँडी का अटैक, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित महाराष्ट्र और गुजरात के किसानों की होगी चिंता खत्म
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Cotton Farming : इस वेरायटी में नहीं होगा गुलाबी सूँडी का अटैक, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित महाराष्ट्र और गुजरात के किसानों की होगी चिंता खत्म

खेत खजाना : नई दिल्ली, भारतीय कृषि क्षेत्र में नरमे की खेती यानी कपास की फसल का एक महत्वपूर्ण स्थान है । लेकिन पिछले कुछ वर्षों में किसानों को कपास की खेती में घाटा उठाना पड़ रहा है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित महाराष्ट्र और गुजरात के किसान भी इसी चिंता में डूबे हैं। गुलाबी सुंडी के अटैक से नरमे की फसल को भारी नुकसान पहुंच रहा है, जिससे किसानों की आय में कमी आई है।

हर साल कपास की खेती में उत्पादन की कमी के कारण किसान नरमा कपास की खेती से ऊभ चुके है किसान कपास की खेती छोड़कर अन्य धान जैसे खेती की तरफ रुख करने की सोच रहे है । इस समस्या को देखते हुए भारत के कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने 8 दिसंबर 2023 को राज्यसभा में एक नई वैरायटी का प्रस्ताव भी रखा था ।

जिसे देसी कपास की वैरायटी कहा जाता है। इस वैरायटी की खासियत यह है कि इस पर गुलाबी सुंडी का अटैक नहीं होता जिससे किसानों को फसल की बेहतर उपज और आय की उम्मीद है। देसी कपास की वैरायटी में 70 प्रकार की वैरायटी हैं जिनमें से पीए 740, 810, 812, और 837 वैरायटी की स्टेपल लंबाई 28 मिमी से 31 मिमी तक होती है।

जबकि अन्य 73 वैरायटी की स्टेपल लंबाई 16 मिमी से 28 मिमी के बीच होती है। ये वैरायटी सिर्फ देसी वैरायटी है जिसे देसी कपास भी बोला जाता है । किसान देसी वैरायटी से बंपर कमाई कर सकते है । जिससे वे अपनी फसल की सुरक्षा और आय में वृद्धि कर सकते हैं। किसान भाई देसी कपास की वैरायटी की खेती करें । क्योंकि देसी कपास में कभी गुलाबी सूँडी का प्रभाव नहीं पड़ता है ।

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