कपास की पैदावार: हरियाणा और पंजाब में बढ़ रही है किसानों की उम्मीद, कृषि विशेषज्ञों का अनुमान, इस सीजन होगी बंपर पैदावार

प्रमुख चार जिलों में कपास की उपज में 2-4 क्विंटल की औसत वृद्धि हो सकती है

कपास की पैदावार: हरियाणा और पंजाब में बढ़ रही है किसानों की उम्मीद, कृषि विशेषज्ञों का अनुमान, इस सीजन होगी बंपर पैदावार
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कपास की पैदावार: हरियाणा और पंजाब में बढ़ रही है किसानों की उम्मीद, कृषि विशेषज्ञों का अनुमान, इस सीजन होगी बंपर पैदावार

हरियाणा और पंजाब में कपास की पैदावार के बारे में खुशखबरी है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, किसानों को इस सीजन बंपर पैदावार की उम्मीद है, जिसमें कपास के पौधों के फूलों की बहुत अच्छी बंपर है।

गुलाबी बॉलवर्म और व्हाइटफ्लाई की कीटों के हमलों के बावजूद, हरियाणा और पंजाब के किसान इस सीज़न में कपास की गेंदों की पहली कटाई की तरफ बढ़ रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, कृषि अधिकारियों का कहना है कि प्रमुख चार जिलों में कपास की उपज में 2-4 क्विंटल की औसत वृद्धि हो सकती है, जो आने वाले खरीफ सीजन के लिए बड़ा फायदेमंद साबित हो सकता है।

खरीफ सीज़न की उम्मीदें

2022-23 के खरीफ सीज़न में किसानों ने कुल 2.48 लाख हेक्टेयर में कपास की बुआई की थी, जो कुल उत्पादन में कमी का कारण बनी थी। हालांकि, इस सीज़न के लिए विशेषज्ञों का अनुमान है कि पैदावार 29 लाख क्विंटल तक पहुंच सकती है, जो किसानों को अच्छी मुनाफा दिला सकती है।

कृषि आंकड़ों के अनुसार, इस साल कपास की बोनाई गई भूमि का क्षेत्रफल 1.75 लाख हेक्टेयर है, जो कुछ सालों के सबसे कम रकबे में से एक है। इसके पीछे गुलाबी बॉलवर्म और व्हाइटफ्लाई जैसी कीटों के हमलों का प्रभाव है, जिनके कारण किसानों ने कपास की खेती को छोड़ दिया था।

आशा की किरनें

हालांकि, अच्छी जलवायु परिस्थितियों और नकदी फसल की अनुशंसित किस्मों के प्रयोग के साथ, इस सीज़न में कपास की पैदावार में सुधार आ सकता है। यह उम्मीद है कि सफेद मक्खी और गुलाबी बॉलवर्म के हमलों का अंत हो गया है और किसानों को इस सीज़न का अच्छा मुनाफा मिलेगा।

मंडी दरें और समर्थन मूल्य

पंजाबी मंडी बोर्ड के नोडल अधिकारी मनीष कुमार के अनुसार, कपास के निजी उत्पादकों को मौजूदा खरीफ विपणन सीजन में अच्छे मूल्य मिल सकते हैं। लंबे स्टेपल के लिए 7,020 रुपये प्रति क्विंटल और मध्यम स्टेपल के लिए 6,620 रुपये प्रति क्विंटल की पेशकश की जा रही है, जिससे किसानों को अच्छे मूल्यों का लाभ हो सकता है।

समय के साथ, कपास की पैदावार में सुधार की उम्मीद है, जिससे हरियाणा और पंजाब के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती मिल सकती है। इससे किसानों के लिए एक बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है।

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