अरब देश के शेखों के दीवाने: राजस्थान के किसान जिन्होंने सिंदूरी अनार से कमाई की धूम

राजस्थान के सिरोही जिले के किसान श्रवण सिंह ने अपनी कठिनाइयों को पार करके एक अद्वितीय उद्यमिता दिखाया है।

अरब देश के शेखों के दीवाने: राजस्थान के किसान जिन्होंने सिंदूरी अनार से कमाई की धूम
X

सिंदूरी अनार: अरब देश के शेखों का पसंदीदा

राजस्थान के सिरोही जिले के किसान श्रवण सिंह ने अपनी कठिनाइयों को पार करके एक अद्वितीय उद्यमिता दिखाया है। उन्होंने अपने खेतों में उगाए सिंदूरी अनार से सालाना लाखों रुपये की कमाई की है और उन्होंने यह करने में मॉडर्न टेक्नोलॉजी का भी उपयोग किया है। उनकी कहानी ने सिंदूरी अनार के दीवानों को ही नहीं, बल्कि पूरे देश में उत्कृष्टता की ओर प्रेरित किया है।

अनार की उन्नत खेती में अद्वितीय सफलता

श्रवण सिंह की कहानी में सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि उन्होंने खेती में मॉडर्न तकनीक का सही से इस्तेमाल किया। उन्होंने अपने फायदे के लिए रिसर्च की और सही प्रकार की खेती तकनीक चुनी। उन्होंने बताया कि उन्होंने सिंदूरी अनार के साथ नींबू, आम, चीकू, और खीरे की स्पेशल वैरायटी की खेती की है। इससे उन्हें सालाना 40 लाख रुपये से भी अधिक की कमाई हो रही है।

खेती में तकनीकी उन्नति

श्रवण सिंह ने पहले रेडीमेड कपड़ों के व्यवसाय में काम किया था, लेकिन उन्होंने खेती की दुनिया में अपना मार्ग ढूंढ लिया। वे जानते थे कि मॉडर्न तकनीक से खेती में उन्नति हो सकती है और उन्होंने इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया।

उन्होंने बताया कि वे अपने खेतों में सिंदूरी अनार के साथ नींबू, आम, चीकू, और खीरे की विशेष वैरायटी लगाते हैं जो कि उनके उत्तम मुनाफे का स्रोत बन गई है।

अनार की उन्नत खेती और उत्पादन

श्रवण सिंह ने बताया कि उन्होंने पहली क्रॉप में पपीते की खेती की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और नए प्रयासों से सिंदूरी अनार की खेती में काम किया। उन्होंने तीसरे प्रयास में 17 से 18 लाख रुपये के मुनाफे का उत्तराधिकारी बना।

इसके बाद, उन्होंने साल 2011 में 12 हेक्टेयर में नींबू के पौधे लगाए और साल 2013 में अनार की खेती की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि अनार का प्रोडक्शन 2 साल में शुरू हुआ और उन्हें इसमें बेहद सफलता मिली।

उत्पादों का एक्सपोर्ट और बाजार

श्रवण सिंह की खेती से उत्पन्न होने वाले फलों का एक्सपोर्ट भी होता है। उनके खेतों से उत्पन्न होने वाले सिंदूरी अनार दुबई, बांग्लादेश, और नेपाल जैसे देशों में भेजे जाते हैं। वे इसे यूरोप में भी एक्सपोर्ट करते हैं, और इसकी उच्च गुणवत्ता को लेकर यह उनके व्यवसाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।




सफलता का रास्ता: संघर्ष से उद्यमिता तक

श्रवण सिंह की कहानी सिख देती है कि सफलता पाने के लिए संघर्ष की आवश्यकता होती है। उन्होंने अपने कठिनाइयों का सामना किया और मानवीय साहस दिखाया। उन्होंने मॉडर्न तकनीक का सही तरीके से इस्तेमाल किया और खेती में उन्नति प्राप्त की।

इसके बावजूद, वे कभी अपने मूल ध्येयों को नहीं भूले। उन्होंने खेती में उच्च गुणवत्ता के उत्पादों की उत्पत्ति के साथ-साथ उन्हें अपने ग्रामीण समुदाय के विकास में भी योगदान करने का मौका दिया।

खेती का उद्यमिता में रूपांतरण

श्रवण सिंह की कहानी हमें यह सिखाती है कि खेती में भी उद्यमिता का मार्ग हो सकता है। उन्होंने न केवल अपने परिवार के लिए बल्कि पूरे समुदाय के विकास के लिए भी अपनी मेहनत और संघर्ष से दिखाया है कि सिंदूरी अनार से लाखों रुपये की कमाई की जा सकती है।

इसके अलावा, उनकी कहानी यह भी बताती है कि मॉडर्न तकनीक का सही तरीके से उपयोग करके किसान खेती में उन्नति प्राप्त कर सकते हैं। सही तरीके से रिसर्च करने, सही प्रकार की खेती तकनीक चुनने, और मानवीय साहस दिखाने के साथ वे सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँच सकते हैं।

सिंदूरी अनार की उत्पादन की विवरण

फलों की प्रकार प्रतिवर्षिक उत्पादन उत्पादन की जगह

श्रवण सिंह की कहानी से सिख लें कि खेती का उद्यमिता में कैसे रूपांतरण किया जा सकता है। वे एक आदर्श बने हैं जिन्होंने मेहनत, उन्नत तकनीक, और उद्यमिता की मदद से खुद को एक सफल किसान के रूप में साबित किया है।

Tags:
Next Story
Share it