Crop Management: सोयाबीन की खेतों में बजी खतरे की घंटी, समय रहते कर लें कीट-पतंग और बीमारियों की रोकथाम

Crop Management: सोयाबीन की खेतों में बजी खतरे की घंटी, समय रहते कर लें कीट-पतंग और बीमारियों की रोकथाम
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सोयाबीन की खेती और कीट प्रबंधन: विशेषज्ञ सलाह और अप्रैल तक की महत्वपूर्ण कार्रवाई

सोयाबीन, एक महत्वपूर्ण फसल है जिसकी खेती करने वाले किसानों के लिए वैज्ञानिक सलाह बहुत महत्वपूर्ण है। इस लेख में, हम सोयाबीन की खेती के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे, साथ ही कीट प्रबंधन के उपायों की भी बात करेंगे।

अप्रैल तक की महत्वपूर्ण कार्रवाई:

अप्रैल तक की महत्वपूर्ण कार्रवाई के अनुसार, सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों को निम्नलिखित कार्रवाई करने की सलाह दी जाती है:

1. चूहे से फसल की सुरक्षा:

फलियों में दाने खाने वाले चूहों से बचाव के लिए, फ्लोकोउमाफेन 0.005% रसायन का उपयोग करके बेटों को बनाएं और चूहों के छेदों के पास रखें।

2. बीजों की शुद्धता बनाए रखने के लिए:

आगामी वर्ष के लिए उपयोगी सोयाबीन बीज के बीजों की शुद्धता के लिए, फूलों के रंग और पौधों पर पाए जाने वाले रोये के आधार पर भिन्न किस्मों के पौधों को निकाल दें।

3. पत्ती खाने वाले कीटों का नियंत्रण:

सोयाबीन पत्ती खाने वाले कीटों से बचाव के लिए, मिश्रित कीटनाशकों का उपयोग करें, जैसे थायोमिथोक्सम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन या बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड।

4. चक्र भृंग कीट का नियंत्रण:

चक्र भृंग कीट से बचाव के लिए, इनसे पहले ही प्रारंभिक अवस्था में एसीटेमीप्रीड या थायोमिथोक्सम का उपयोग करें।

5. पीला मोजेक रोग का नियंत्रण:

पीला मोजेक रोग से बचाव के लिए, पौधों को खेत से उखाड़कर बहार करें और पीला स्टिकी ट्रैप लगाएं।

पत्तियों के खाने वाले कीटों का नियंत्रण:

पत्तियों के खाने वाले कीटों से बचने के लिए, उपयुक्त कीटनाशकों का छिड़काव करें, जैसे एसीटेमीप्रीड, ब्रोफ्लानिलाइड, फ्लूबेंडियमाइड, इंडोक्साकर्ब, और इमिडाक्लोप्रिड।

कीट-विशेष फेरोमोन ट्रैप:

तम्बाकू की इल्ली और चने की इल्लियों के नियंत्रण के लिए, बाजार में उपलब्ध कीट-विशेष फेरोमोन ट्रैप का उपयोग करना एक प्रभावी तरीका है। इन ट्रैप्स को फसल के पास लगाकर, कीटों को आकर्षित करने के लिए फेरोमोनों का प्रयोग किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप, कीट ट्रैप में फंस जाते हैं और उनका प्रतिशत घटता है। परिणामस्वरूप, फसल को नुकसान पहुंचाने वाली कीटों की संख्या में कमी होती है। ट्रैप्स की सेप्टा लगाने से पहले, सुनिश्चित करें कि आपके हाथ स्वच्छ हैं, ताकि फेरोमोनों का प्रभाव परेशान न हो।

कीट भक्षी पक्षियों के सहायक:

कीट भक्षी पक्षियों को खेत में आकर्षित करने के लिए सोयाबीन फसल में "T" आकार के बर्ड-पर्चेस लगाना एक उपाय है। यह उपाय कीट भक्षी पक्षियों को खेत में आकर्षित करने में मदद करता है, जिससे वे इल्लियों को खाते हैं और कीटों के नियंत्रण में मदद करते हैं।

पिला मोजेक/सोयाबीन मोजेक रोगों के नियंत्रण के लिए ट्रैप:

वायरस जनित पीला मोजेक और सोयाबीन मोजेक रोगों के नियंत्रण के लिए सफेद मक्खी और जासिड को नियंत्रित करने के लिए पिला स्टिकी ट्रैप का उपयोग कर सकते हैं। ये ट्रैप्स खेत के विभिन्न स्थानों पर लगाए जाते हैं और कीटों को आकर्षित करके उनका प्रतिशत कम करते हैं।

नियमित निगरानी और संवेदनशीलता:

अपने खेत की नियमित निगरानी करना महत्वपूर्ण है। आपको खेत में जाकर अपने पौधों की निगरानी करनी चाहिए, और जांचना चाहिए कि क्या कोई इल्ली या कीटों का प्रकोप हुआ है। यदि हां, तो आपको तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और उपचार करने के उपायों का पता लगाना चाहिए।

चक्र भृंग की अवस्था का प्रबंधन:

सोयाबीन की फसल में चक्र भृंग का प्रकोप अधिक होने की संभावना होती है। आपको प्रारंभिक अवस्था में ही एक सप्ताह के अंदर अग्रिम उपाय अपनाने की आवश्यकता है। एसी मुरझाई / लटकी हुई पत्तियों को तने से तोड़कर जला देना या खेत से बाहर करना इस प्रकोप को नियंत्रित करने में मदद करेगा।

सोयाबीन की पूर्व-बुआई की देखभाल:

सोयाबीन की पूर्व-बुआई की सुरक्षा के लिए, कीट प्रबंधन उपायों को ध्यान में रखकर बुआई करें। बीज सोचे जाने पर प्रौद्योगिकी से अच्छे से उपयोग करें और बुआई के बाद फसल की स्वास्थ्य स्थिति का नियमित अवलोकन करें।

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