पहाड़ों में बढ़ती मोटे अनाज की खेती: सेहत के लिए खास और आमदनी का स्रोत

जानिए कैसे पहाड़ी क्षेत्रों में मोटे अनाजों की खेती बढ़ा रही है स्वास्थ्य और आर्थिक उन्नति की दिशा में

पहाड़ों में बढ़ती मोटे अनाज की खेती: सेहत के लिए खास और आमदनी का स्रोत
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पहाड़ों में भूले बिसरे मोटे अनाज की खेती को फिर से शुरू करने का प्लान परिपक्व और स्वास्थ्यपूर्ण भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह विशेष रूप से उन परंपरागत सब्जियों और अनाजों की महत्वपूर्णता को पुनः जागृत करने का प्रयास है जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।

मोटे अनाजों के फायदे

मोटे अनाजों में भरपूर पोषण और प्रोटीन की मात्रा होती है, जिन्हें सेहत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। ये अनाज शरीर के लिए विभिन्न पोषणतत्व प्रदान करते हैं जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। निम्नलिखित तालिका में इन अनाजों के महत्वपूर्ण पोषणतत्वों की जानकारी है:

अनाज पोषणतत्व

मदवा फाइबर:-- पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन-ब

बाजरा प्रोटीन :- आयरन, विटामिन-ब, फाइबर

जौ प्रोटीन :-- फाइबर, फॉलिक एसिड, विटामिन-ब

रागी कैल्शियम :-- फाइबर, आयरन, विटामिन-ड

कुट्टू प्रोटीन:-- फाइबर, फॉलिक एसिड, आयरन

मोटे अनाज की खेती: उपाय और योजना

मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने कई महत्वपूर्ण उपाय और योजनाएं तैयार की है। ये उपाय न केवल किसानों को आर्थिक रूप से बेहतर बनाते हैं, बल्कि स्वास्थ्य को भी सुधारते हैं।

1. पर्वतीय क्षेत्रों में खेती का प्रोत्साहन

पर्वतीय क्षेत्रों में मोटे अनाजों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सिंचाई की आवश्यकता कम होती है, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है। यह साथ ही एक विशेष पोषणतत्व से भरपूर होते हैं जो पर्वतीय क्षेत्रों की खेती के लिए उपयुक्त होते हैं।

2. प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर किसानों को मोटे अनाजों की खेती के तरीके सिखाते हैं। इसके साथ ही उन्हें इन अनाजों को संविदानिक और साधारण तरीकों से उपयोग में लाने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

3. उत्पादों का प्रयोग और प्रबंधन

यहां तक कि गांव के लोगों को मदवा और बाजरा जैसे अनाजों का उपयोग उनके आयुर्वेदिक और परंपरागत व्यंजनों में बदलकर खाने का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इससे न केवल स्वास्थ्य को बल्कि स्थानीय आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलता है।

4. स्थानीय बाजार में प्रचार और जागरूकता

मोटे अनाजों के फायदे की जागरूकता को बढ़ाने के लिए स्थानीय बाजारों में प्रचार और जागरूकता की अधिकता की जा रही है। किसानों को उनके फायदे और उपयोग की जानकारी देने के लिए मुख्य रूप से कृषि विज्ञान केंद्र और स्थानीय सरकार इस प्रयास में लगे हैं।

निष्कर्ष

मोटे अनाजों की खेती की सुगबुगाहट के साथ-साथ स्वास्थ्यपूर्ण भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पहाड़ी क्षेत्रों में इन अनाजों के उत्पादन और प्रयोग की बढ़ती मांग ने किसानों के लिए नए आर्थिक और सामाजिक अवसर पैदा किए हैं। साथ ही, यह सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं जो आजकल की तनावपूर्ण जीवनशैली में आवश्यक है।

इस प्लान के माध्यम से, हम न सिर्फ पहाड़ी क्षेत्रों में मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने में मदद कर रहे हैं, बल्कि एक स्वस्थ भविष्य की दिशा में भी कदम बढ़ा रहे हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सुधार, खाद्य सुरक्षा, और स्थानीय विकास की दिशा में सकारात्मक परिवर्तन संभाव होता है।

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी समाचार आधारित है और 2023 की है।

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