रबी सत्र में गर्मी झेल सकने वाले गेहूं की फसल की खेती: सरकार की योजना और कृषि सुझाव

गर्मी झेलने वाले गेहूं की फसल का महत्व इसलिए है क्योंकि यह अल नीनो जैसे जलवायु परिवर्तनों के बीच भी सफलता प्राप्त कर सकता है।

रबी सत्र में गर्मी झेल सकने वाले गेहूं की फसल की खेती: सरकार की योजना और कृषि सुझाव
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सरकार ने आगामी रबी सत्र के लिए गर्मी झेल सकने वाले गेहूं की फसल की खेती को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इस नई योजना के तहत, कृषि क्षेत्र में जलवायु प्रतिरोधी किस्मों की बुवाई के कुल रकबे को 60% तक बढ़ाया जाएगा। इस लेख में, हम इस योजना के महत्व को समझेंगे और कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत करेंगे।

गर्मी झेलने वाले गेहूं की फसल: क्यों है यह महत्वपूर्ण?

गर्मी झेलने वाले गेहूं की फसल का महत्व इसलिए है क्योंकि यह अल नीनो जैसे जलवायु परिवर्तनों के बीच भी सफलता प्राप्त कर सकता है। इन किस्मों में विशेषत:

जलवायु प्रतिरोध: ये किस्में उच्च तापमान, कम बर्फबारी, और जलवायु के परिवर्तन के साथ भी अच्छी फसल देती हैं।

बुआई के समय की विवेकपूर्ण चयन: इन किस्मों की बुआई के समय की विवेकपूर्ण चयन से किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रति साहस बढ़ता है।

उत्पादन में वृद्धि: ये किस्में अधिक उत्पादन देने के बावजूद जलवायु परिवर्तन के साथ भी मजबूत रहती हैं, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा हो सकता है।

कृषि सुझाव:

बुआई का समय: किसानों को बुआई का समय विवेकपूर्ण चुनने के लिए कृषि अनुसंधान केंद्रों से सलाह लेना चाहिए। इससे वे अच्छी फसल पैदा कर सकते हैं, जिसमें जलवायु परिवर्तन का कम असर होता है।

नैनो यूरिया और डीएपी उर्वरक: उर्वरक की अच्छी तरह से उपयोग करने के लिए, किसानों को नैनो यूरिया और डीएपी उर्वरक के बारे में जागरूक होना चाहिए। ये उर्वरक उत्पादन को बढ़ा सकते हैं और पैदावार को बेहतर बना सकते हैं।

जलवायु परिवर्तन की निगरानी: किसानों को अपने क्षेत्र के जलवायु परिवर्तन को निगरानी में रखने के लिए गवर्नमेंट के जलवायु सेंसर्स और डेटा का उपयोग करना चाहिए। इससे वे समय पर कदम उठा सकते हैं और उपायों को अपना सकते हैं।

रबी सत्र के लिए योजना बनाने में राज्य की भूमिका:

बारिश के तरीके में बदलाव के बावजूद, किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकारों को भी योजना बनाने में मदद करनी चाहिए। यहाँ हम देख सकते हैं कि कैसे राज्य योजनाएँ बना सकते हैं:

बारिश के तरीके राज्य सलाह

कम बारिश बिहार विशेष बुआई तकनीकों का उपयोग करें।

अधिक बारिश आंध्र प्रदेश जलाशयों के बढ़ते स्तर को ध्यान में रखें।

सूखा तमिलनाडु सुझावों के साथ सूखा प्रबंधन करें।

फिर से अधिक बारिश यूपी जलवायु परिवर्तन के साथ संबंधित किस्मों का चयन करें।

जलाशयों में कमी प. बंगाल जलाशयों की संरक्षण में मदद करें।

जलाशयों की कमी केरल जलाशयों के निगरानी का महत्व दें।

आकस्मिक योजना:

सरकार ने 450 गांवों के लिए आकस्मिक योजना बनाई है जिसका उद्देश्य किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में जागरूक करना है। इसके तहत गांवों में जलवायु परिवर्तन के अनुसार बुआई करने के तरीके को समझाने का काम होगा। यह योजना किसानों को सहायता प्रदान करने में मदद करेगी।

जलवायु प्रतिरोधी किस्में:

भारत में 800 से अधिक जलवायु प्रतिरोधी किस्में उपलब्ध हैं जिन्हें किसानों को उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन किस्मों को सीड रोलिंग योजना के तहत बीज शृंखला में डालने की जरूरत है ताकि किसान उन्हें उगा सकें।

निष्कर्ष:

रबी सत्र के आगामी सत्र में गर्मी झेल सकने वाले गेहूं की फसल की खेती को बढ़ावा देने का निर्णय सरकार के लिए महत्वपूर्ण है। किसानों को जलवायु प्रतिरोधी किस्मों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना एक महत्वपूर्ण कदम है जो कृषि क्षेत्र को सुरक्षित और उत्तराधिकारी बना सकता है। इसके साथ ही, राज्य सरकारों को भी जलवायु परिवर्तन के साथ संबंधित योजनाएँ बनाने में भाग लेने की आवश्यकता है ताकि किसानों को सहायता प्रदान की जा सके।

इस योजना और सुझावों के साथ, भारतीय किसान गर्मियों के साथ भी अच्छी फसल उगा सकते हैं और कृषि क्षेत्र को मजबूती प्राप्त कर सकते हैं।

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