10 हजार रूपये प्रति क्विंटल बिकने वाली इस दाल की खेती किसानों को करेगी मालामाल, लागत कम, लेकिन मुनाफा तगड़ा

खेत में मूंग की खेती करने से पहले, गहरी जुताई का काम करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। खेत में 2-3 बार वर्षा होने पर गहरी जुताई करने से मिट्टी में छिपे कीड़े बाहर निकल जाते हैं

10 हजार रूपये प्रति क्विंटल बिकने वाली इस दाल की खेती किसानों को करेगी मालामाल, लागत कम, लेकिन मुनाफा तगड़ा
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10 हजार रूपये प्रति क्विंटल बिकने वाली इस दाल की खेती किसानों को करेगी मालामाल, लागत कम, लेकिन मुनाफा तगड़ा

मूंग भारत में एक प्रमुख दलहनी फसल है और इसकी खेती विभिन्न प्रदेशों में प्रमुखता से की जाती है। यदि किसान इस सीजन में मूंग की खेती करने की सोच रहे हैं, इस तो यह आपके लिए एक अच्छा विकल्प है क्योंकि मूंग का बाजार भाव ₹10000 प्रति क्विंटल के हिसाब से चल रहा है कम लागत में अच्छा मुनाफा देने वाली यह खेती किसानों की अच्छी कमाई करने क लिए काफी है तो जो किसान मूंग की खेती करना चाहते हैं उन्हें गाइड़लाइंस का पालन करने से बेहतर उत्पादन हासिल करने में मदद मिल सकती है।





गहरी जुताई का महत्व

खेत में मूंग की खेती करने से पहले, गहरी जुताई का काम करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। खेत में 2-3 बार वर्षा होने पर गहरी जुताई करने से मिट्टी में छिपे कीड़े बाहर निकल जाते हैं और खरपतवार भी कम होता है। इससे फसल को नुकसान होने से बचाया जा सकता है। गहरी जुताई के बाद खेत को समतल बनाना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। खेत में गोबर की खाद और जरूरी पोषक तत्व मिलाने से फसल का अच्छा उत्पादन होता है।

बुआई का समय

मूंग की खेती के लिए बुआई का समय जून के आखिरी सप्ताह से लेकर जुलाई तक होता है। इस समय में जमीन की तापमान और मौसम उपयुक्त होते हैं, जिससे फसल के उत्पादन में सुधार होता है। किसानों को बुआई के लिए उचित गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करना चाहिए, क्योंकि यह बीमारियों और कीटाणुओं से अधिक सुरक्षित होते हैं और अच्छे उत्पादन का सामर्थ्य रखते हैं।

बीजशोधन का महत्व

खेत में मूंग के बीज बोने से पहले उनका बीजशोधन जरूर करना चाहिए। बीजशोधन करके स्वस्थ और रोगमुक्त फसल होती है, जो फसल के उत्पादन को बढ़ाता है। बीजों को कतारों में बोने से निराई-गुड़ाई करने में भी आसानी होती है और खरपतवार निकालना सरल होता है।

खरीफ मूंग की फसल भारत में उचित उत्पादन के लिए उपयुक्त होती है और इसे जून-जुलाई के बीच बोना जा सकता है। किसानों को उचित गाइड़लाइंस का पालन करके अच्छी फसल हासिल करने में मदद मिल सकती है। उचित तैयारी, बीजों का गुणवत्ता से चयन, गहरी जुताई, और बीजशोधन के माध्यम से किसान अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

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