Cumin Rate: टमाटर के बाद जीरे की कीमतों में आसमान छूती तेजी, 200 से पहुंचे 800 रुपये किलो
Cumin Rate: टमाटर के बाद जीरे की कीमतों में आसमान छूती तेजी, 200 से पहुंचे 800 रुपये किलो
नई दिल्ली: जीरा भारतीय रसोई का एक अहम मसाला है, जिसका इस्तेमाल तड़के, सब्जियों, दालों और चटनियों में किया जाता है। जीरा न केवल स्वाद बढ़ाता है, बल्कि पाचन, रक्तशोधन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। लेकिन आजकल जीरे की कीमतें इतनी बढ़ गयी हैं कि लोगों को इसे खरीदने में सोचना पड़ रहा है।
जीरे की कीमतें पिछले कुछ महीनों में लगातार बढ़ रही हैं। जनवरी में 200 रुपये प्रति किलो थे, वहीं जुलाई में 800 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गयी हैं। इसका मतलब है कि जीरे की कीमतें चार गुना बढ़ गयी हैं। इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
उत्पादन की कमी: जीरा का मुख्य उत्पादक राज्य गुजरात है, जहां मार्च में अनावश्यक बारिश के कारण फसल में नुकसान हुआ। इससे जीरे की आपूर्ति कम हो गयी और डिमांड ज्यादा रहने के कारण कीमतें बढ़ गयी।
आढ़तियों का माल डंप करना: कुछ आढ़तियों ने जीरे की कीमतों में उछाल लाने के लिए अपना माल डंप कर दिया। इससे बाजार में जीरे की कमी पैदा हो गयी और कीमतें और बढ़ गयी।
अन्य खाद्य सामाग्री के दाम बढ़ना: टमाटर, प्याज, आलू, दाल और तेल जैसी अन्य खाद्य सामाग्री के दाम भी बढ़ रहे हैं। इससे लोगों का खाने का बजट बिगड़ रहा है और वे जीरे जैसे महंगे मसालों को खरीदने से कतरा रहे हैं।
इस तरह, जीरे की कीमतों में आसमान छूती तेजी देखने को मिल रही है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ रही है। जीरे के दामों को नियंत्रित करने के लिए सरकार को कुछ कदम उठाने की जरूरत है, जैसे कि जीरे के आयात पर शुल्क कम करना, जीरे की खेती को बढ़ावा देना, आढ़तियों के खिलाफ कार्रवाई करना आदि।
जीरे के दामों का तालिका
महीना दाम (रुपये प्रति किलो)
जनवरी 200
फरवरी 260
मार्च 300
अप्रैल 400
मई 550
जून 670
जुलाई 800