किसानों को चक्रवाती तूफान से नुक़सान: सरकार ने आर्थिक सहायता की घोषणा

किसानों को नुक़सान सहायता की घोषणा

किसानों को चक्रवाती तूफान से नुक़सान: सरकार ने आर्थिक सहायता की घोषणा
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किसानों को नुक़सान सहायता की घोषणा

गुजरात राज्य में हाल ही में आए चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने किसानों को बड़ा नुक़सान पहुंचाया है। यह तूफान न केवल किसानों की फसलों को नष्ट कर दिया है, बल्की बड़ी संख्या में पशुओं की भी जान चली गई है। इस स्थिति को देखते हुए गुजरात सरकार ने नुक़सान प्राप्त किसानों के लिए आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है। जल्द ही सर्वेक्षण के पश्चात गुजरात सरकार किसानों को आर्थिक मदद प्रदान करेगी।

सर्वेक्षण की टीमें तैयार

गुजरात सरकार ने तूफान बिपरजॉय से प्रभावित क्षेत्रों में नुक़सान का सर्वेक्षण करने के लिए अलग-अलग टीमें तैयार की हैं। इन टीमों को प्रभावित जिलों में भेजा गया है ताकि वे नुक़सान की व्यापकता को दर्शा सकें। इस सर्वेक्षण के बाद सरकार किसानों और पशुपालकों को मुआवजा देने का निर्णय लेगी। इस सर्वेक्षण में पहले ही पता चला है कि बिपरजॉय के कारण गुजरात के बिजली ढांचे को 783 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है। इसके अलावा भी गायब हुए पशुओं और नष्ट हुई फसलों के नुक़सान की गणना की जा रही है।

आर्थिक मदद का मुआवजा

गुजरात सरकार द्वारा प्रदेश में हुए नुक़सान के आधार पर किसानों और पशुपालकों को आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी। मौत गई पशुओं के मुआवजा के लिए पहले ही 1.62 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इसके अलावा अन्य पशुपालकों को भी जल्द ही मुआवजा दिया जाएगा। सरकार द्वारा नुक़सान प्राप्त किसानों को भी आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसके लिए विस्तृत सर्वेक्षण के पश्चात सरकार को नुक़सान के आधार पर मुआवजा देने का निर्णय लेना होगा।

नुक़सान के प्रमुख कारण

बिपरजॉय ने कच्छ, मोरबी, देवभूमि द्वारका, जामनगर और पोरबंदर जिलों में बड़े पैमाने पर नुक़सान पहुंचाया है। तेज हवाओं के कारण उगने वाले पेड़ और फल देने वाले पेड़ों के उखड़ जाने से लगभग 53,000 हेक्टेयर क्षेत्र में कुल 14,800 पेड़ नष्ट हो गए हैं। इसके साथ ही चक्रवाती तूफान के कारण मवेशियों और पक्षियों की मौत भी हुई है।

सहायता के लिए सरकार की पहल

गुजरात सरकार ने चक्रवाती तूफान से प्रभावित किसानों और पशुपालकों की मदद करने के लिए कदम उठाए हैं। यह उनके लिए आर्थिक सहायता प्रदान करके उनकी संकटमय स्थिति को सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही, सरकार ने नुक़सान की व्यापकता को जांचने के लिए सर्वेक्षण की टीमों को नियुक्त किया है, जिससे संगठित और तात्कालिक मदद प्रदान की जा सके।

इस रूप में, गुजरात सरकार की पहल और आर्थिक सहायता की घोषणा किसानों और पशुपालकों को समर्थन और आशा का संकेत देती है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि वे अपने नुक़सानों को सुधारने और अपनी फिर से बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता प्राप्त करेंगे।

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