Duck Farming: आज ही शुरू करें बत्तख पालन! कम लागत में होगा अधिक मुनाफा, जानिए कैसे शुरू करें?
Duck Farming: किसानों को सिर्फ खेती से ही मुनाफा नहीं प्राप्त होता है। उन्हें कृषि के अलावा अन्य कामों को भी करना पड़ता है। अगर आप भी अपनी आमदनी को बढ़ाना चाहते हैं, तो खेती के साथ डक फार्मिंग, अर्थात बत्तख पालन, सबसे अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इसमें किसानों को कम लागत में ही डबल मुनाफा प्राप्त होता है।
बत्तख पालन के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की भी जरूरत नहीं होती। क्योंकि किसान इन्हें छोटे तालाब, धान और मक्के के खेतों में भी आसानी से पाल सकते हैं। इस प्रकार, बत्तख पालन में लागत कम होती है और मुनाफा अधिक होता है। यहाँ ध्यान रखना चाहिए कि बत्तख पालन के लिए स्थान का तापमान 25 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए।
बत्तख पालन की शुरुआत
किसानों को बतख पालन के लिए शांत जगह का चयन करना चाहिए। अगर यह जगह किसी तालाब के पास होती है, तो यह बत्तखों के लिए बेहतर होता है, क्योंकि वहाँ वे तालाब में तैर सकते हैं। अगर ऐसी जगह पर तालाब नहीं है, तो तालाब की खुदाई कराना उपयुक्त होता है।
अधिक मुनाफा प्राप्त करने के लिए किसान तालाब में बतखों के साथ मछली पालन भी कर सकते हैं। तालाब के लिए एक लंबा और चौड़ा शेड जरूरी होता है। इसके अलावा, एक शेड से दूसरे शेड के बीच की दूरी कम से कम 20 फीट रखनी चाहिए।
बत्तख की देखभाल
मुर्गियों की तुलना में बत्तखों की देखभाल मेहनत से कम होती है। बत्तखों में रोगों का असर कम होता है, लेकिन डक फ्लू जैसे रोग इन्हें अधिक प्रभावित कर सकते हैं, जिससे उन्हें बुखार हो सकता है और यदि सही इलाज ना हुआ तो वे मर भी सकते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए बत्तखों को डक फ्लू वैक्सीन लगवानी चाहिए। इसके साथ ही, उनके रहने के स्थान जैसे शेड की नियमित सफाई करनी चाहिए। लगभग दो से तीन महीने के अंतराल पर शेड में कीटनाशक दवाओं का भी छिड़काव करना चाहिए।
बत्तख का आहार
बत्तख का सही तरीके से विकसित करने के लिए उन्हें सूखा खाना खाने को नहीं दें. क्योंकि सूखा खाने बत्तख के गले में फंस जाता है. इसलिए बत्तख के खाने में चावल, मक्का, चोकर को थोड़ा गिला करके दें. साथ ही आप बत्तख को घोंघे और मछली खाने को भी दे सकते हैं. ताकि यह अच्छे से विकसित हो सके.
बत्तख पालन में लागत और कमाई
एक बत्तख एक साल में लगभग 200 से 400 अंडे देती है, जो कि मुर्गियों के अंडों के मुकाबले काफी अधिक है. वहीं, देखा जाए तो बाजार में बत्तख के एक अंडे की कीमत करीब 8-10 रुपये होती है. इसके अलावा बत्तख के मांस की भी बाजार में अच्छी कीमत आसानी से किसानों को मिल जाती है. ऐसे में हिसाब लगाया जाए तो 1000 बत्तख के चूजों पर किसान की लगभग एक लाख रुपये तक सालाना लागत आती है और वहीं मुनाफे की बात करें, तो सालाना मुनाफा करीब तीन से चार लाख रुपये होता है.