बाढ़ के कारण 106 गांवों में 6572 एकड़ फसल हुई खराब - जानिए इस आपदा के प्रभाव और किसानों की मुश्किलें

बाढ़ के आने से सिरसा जिले के कई क्षेत्रों में बड़ी हानि हो गई है। घग्गर नदी के अधिक पानी के कारण, किसानों के लिए यह एक सख्त परिस्थिति बन गई है।

बाढ़ के कारण 106 गांवों में 6572 एकड़ फसल हुई खराब - जानिए इस आपदा के प्रभाव और किसानों की मुश्किलें
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पिछले कुछ दिनों से, हरियाणा के सिरसा जिले में बाढ़ का कहर बरपा है, जिससे 106 गांवों के 1402 किसानों को 6572 एकड़ फसल के नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इस लेख में, हम आपको इस बड़ी समस्या के पीछे की कहानी और उसके प्रभावों के बारे में जानकारी देंगे।

बाढ़ का प्रभाव:

बाढ़ के आने से सिरसा जिले के कई क्षेत्रों में बड़ी हानि हो गई है। घग्गर नदी के अधिक पानी के कारण, किसानों के लिए यह एक सख्त परिस्थिति बन गई है। यहां के किसानों को अपनी मेहनत की कमाई के लिए जीतने की लड़ाई लड़नी पड़ रही है।

नुकसान की गिनती:

बाढ़ के कारण हुए नुकसान की गिनती तोहफे पर है। जिले के 106 गांवों में कुल मिलाकर 6572 एकड़ की फसल में खराबा हुआ है। इसके साथ ही, 35 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और चार भैंसों सहित छह पशु गायब हो गए हैं। यह नुकसान न केवल किसानों के लिए बल्कि इन पशुओं के मालिकों के लिए भी बड़ी हानि है।

नुकसान का विस्तार:

नीचे दिए गए तालिके में हम देख सकते हैं कि किस तहसील में कितने गांवों में कितना नुकसान हुआ है:

तहसील गांव किसान एकड़

सिरसा 40 1027 4993

रानियां 15 147 616

चोपटा 10 16 36

कालांवाली 14 87 212

गोरीवाला 6 25 109

ऐलनाबाद 14 85 444

डबवाली 7 25 159

कुल 106 1402 6572

यह तालिका दिखाता है कि सिरसा तहसील में सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जहां 40 गांवों में 1027 किसानों को 4993 एकड़ की फसल में नुकसान हुआ है।

किसानों की बढ़ती मुश्किलें:

इस मुश्किल समय में, किसानों की स्थिति बहुत ही कठिन है। उन्होंने अपने नुकसान को क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करवाया है, लेकिन उनके सामने अब भी बहुत सारी मुश्किलें हैं।

सरकार की तरफ से उम्मीद:

जिला प्रशासन ने इस समस्या की तथ्यिक रिपोर्ट तैयार की है और इसे सरकार को भेज दी है। सरकार की ओर से अब जल्द ही इस संबंध में मुआवजा जारी किया जाने की उम्मीद है।

समापन:

बाढ़ के कारण हुए नुकसान ने सिरसा जिले के किसानों को कई सवालों का सामना करना पड़ा है। इस आपदा के प्रभावों को समझना और उनकी मदद करना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस समय, हमें साथी बनकर इन किसानों के साथ खड़े होना चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढना चाहिए।

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