लगातार बारिश से खेतों में ढका गेहूं का भूसा हुआ खराब, बढी पशुपालकों की परेशानी, फिर बढ़ेंगे भूसे के रेट?

किसानों द्वारा खेतों में स्टोर किया गया गेहूं का भूसा बारिश के चलते खराब हो रहा है जिसके कारण किसानों व पशुपालकों की परेशानियां बढ़ रही हैं.

लगातार बारिश से खेतों में ढका गेहूं का भूसा हुआ खराब, बढी पशुपालकों की परेशानी, फिर बढ़ेंगे भूसे के रेट?
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खेतखाजाना

लगातार बारिश से खेतों में ढका गेहूं का भूसा हुआ खराब, बढी पशुपालकों की परेशानी, फिर बढ़ेंगे भूसे के रेट?

इस वर्ष गेहूं की कटाई के बाद किसानों पर कुदरती कहर लगातार जारी है. जहां मार्च-अप्रैल में गेहूं की कटाई और गेहूं निकालने के समय बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों पर कहर बरपाया तब से लेकर मई और जून महीने में भी किसानों का काफी नुकसान हो रहा है. गेहूं कटाई के बाद कई किसान भाइयों ने गेहूं का भूसा इकट्ठा कर अपने खेतों में ही ढक दिया था लेकिन बारिश और आंधी है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही.

किसानों द्वारा खेतों में स्टोर किया गया गेहूं का भूसा बारिश के चलते खराब हो रहा है जिसके कारण किसानों व पशुपालकों की परेशानियां बढ़ रही हैं. पिछले महीने देश के कई राज्यों की मंडियों में गेहूं पर बारिश आने से लाखों क्विंटल गेहूं खराब हो गया था जिसके कारण किसानों को गेहूं के भाव कम मिलने से सिर्फ निराशा हाथ लगी लेकिन अब रही सही मार गेहूं के भूसे पर पड़ रही है.

भूसे का भाव

आपको बता दे की जानकारी के मुताबिक अभी भूसे का भाव 600 रुपये से 800 रुपये क्विंटल तक बिक रहा है. पिछले साल इसी चारे का भाव 400-500 रुपये प्रति क्विंटल तक था. इस तरह एक क्विंटल पर चारे का दाम 250 रुपये तक बढ़ा हुआ है. इससे किसानों को भारी परेशानी हो रही है क्योंकि एक तरफ बारिश से फसल ख़राब हुयी दूसरी और भूसे के भाव बढ़ रहे है.

भूसे की कमी के इस लिए जब किसानो से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया की कि गेहूं के एक एकड़ खेत में लगभग 20 क्विंटल तक भूसा निकलता है. लेकिन अभी जो बेमौसम बारिश हुई उससे फसल ख़राब हुई और उससे सीधा असर भूसे पर गिरा अभी 8 से 10 क्विंटल ही भूसे का उत्पादन हो रहा है. इससे किसानो की एक और परेशानी बढ़ा दी है.

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