किसानों को सौर ऊर्जा रास आने से इसकी ओर बढ़ा रूझान। सरकार दे रही है अनुदान।

राजस्थान में वर्ष 2010-11 से लेकर अब तक, 94419 सौर ऊर्जा पम्प संयंत्रों की स्थापना की गई है। इससे किसानों की आय में 60 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है,

किसानों को सौर ऊर्जा रास आने से इसकी ओर बढ़ा रूझान। सरकार दे रही है अनुदान।
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खेत खजाना : सौर ऊर्जा के प्रयोग से मरू प्रदेश के किसान न केवल अपनी आय में वृद्धि पा रहे हैं, बल्कि उनके कारोबार को नए पंख भी मिल रहे हैं। राजस्थान सोलर पम्प सैट के माध्यम से देश में अपनी अग्रणी स्थिति को साबित करते हुए, उदयपुर के किसानों ने सौर ऊर्जा को अपने कारोबार की सफलता का कुंजी बनाया है।

राजस्थान में वर्ष 2010-11 से लेकर अब तक, 94419 सौर ऊर्जा पम्प संयंत्रों की स्थापना की गई है। इससे किसानों की आय में 60 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है, जो खेती और उद्यानिकी में सिंचाई के उद्देश्य से इसका प्रयोग कर रहे हैं। उद्यान विभाग द्वारा किए जाने वाले 60 प्रतिशत अनुदान के साथ, राजस्थान के किसान सिंचाई के लिए ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर, या स्प्रिंकलर संयंत्र का उपयोग कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं।

इस योजना के तहत, उच्च उद्यानिकी तकनीकों का उपयोग करने वाले किसान भी अनुदान के पात्र हैं, जैसे कि ग्रीनहाउस, शेडनेट हाउस, और लो-टनल्स का प्रयोग करने वाले। तीन एच.पी, पांच एच.पी और 7.5 एच.पी के सौर ऊर्जा पम्प संयंत्रों के लिए भी अनुदान प्रदान किया जा रहा है।

अब किसान आसानी से राज किसान साथी पोर्टल पर जाकर जन आधार कार्ड के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वे यह सुविधा ई-मित्रों की मदद से भी प्राप्त कर सकते हैं। जालसू पंचायत समिति के एक किसान ने साझा किया कि उन्होंने 5.0 एचपी के सौर पंप संयंत्र की स्थापना की है, जिससे उनकी बिजली की आवश्यकता कम हो गई है और वे अब 10 बीघा खेत में उद्यानिकी फसलों की खेती कर रहे हैं।

सौर ऊर्जा ने मरू प्रदेश जैसे राज्यों में बिजली की आपूर्ति को सुधारकर उन्हें नए राह दिखाए हैं। सरकार के अनुदान के साथ, किसान आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुए दिख रहे हैं और सौर ऊर्जा के प्रयोग से उनके कारोबार को नई ऊंचाइयों तक पहुँचने में मदद मिल रही है।

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