किसानों के लिए बड़ी खबर, गुलाबी सुंडी से हुए कपास के नुकसान के लिए खोला जाएगा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल, किसान को 7000 से 12500 रुपये प्रति एकड़ मिलेगा मुआवजा

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल एक ऑनलाइन प्लेटफार्म है जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी फसल में हुए नुकसान का ब्यौरा दर्ज करने में मदद करना है।

किसानों के लिए बड़ी खबर, गुलाबी सुंडी से हुए कपास के नुकसान के लिए खोला जाएगा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल, किसान को 7000 से 12500 रुपये प्रति एकड़ मिलेगा मुआवजा
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गुलाबी सुंडी से हुए कपास के नुकसान के बारे में मुआवजा पाने का एक नया रास्ता आ रहा है। हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने अक्टूबर से ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को खोलने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसान अपने कपास की फसल में हुए नुकसान का ब्यौरा दर्ज कर सकें।

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल क्या है?

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल एक ऑनलाइन प्लेटफार्म है जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी फसल में हुए नुकसान का ब्यौरा दर्ज करने में मदद करना है। इस पोर्टल पर किसान अपने नुकसान की जानकारी दर्ज करके उसे सरकारी अधिकारियों तक पहुंचा सकते हैं और मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं।

किसानों के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है?

गुलाबी सुंडी के अटैक और बाढ़ और अत‍िवृष्ट‍ि की वजह से हरियाणा में कपास की फसल में बड़ा नुकसान हुआ है। इस परेशानी के समय, किसानों को मुआवजा प्राप्त करने के लिए एक सुविधाजनक तरीका चाहिए, और ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल इसका सहायक बन सकता है।

मुआवजा की दरें क्या हैं?

हरियाणा सरकार ने नुकसान की सीमा के आधार पर मुआवजा की दरें तय की हैं:

25 से 50 प्रतिशत नुकसान के लिए 7000 रुपये प्रति एकड़

50 से 75 प्रतिशत नुकसान के लिए 9000 रुपये प्रति एकड़

75 प्रतिशत और इससे अधिक नुकसान के लिए 12500 रुपये प्रति एकड़

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के साथ मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल भी खोला जा रहा है

कृषि मंत्री ने बताया कि "मेरी फसल-मेरा ब्यौरा" पोर्टल को भी तुरंत प्रभाव से खोलने का निर्णय लिया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपनी फसल का ब्यौरा पंजीकृत करके उसे बेच सकते हैं। इस पर अगर फसल का ब्यौरा नहीं है तो मुआवजा नहीं मिलेगा।

मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल भी खोलने के न‍िर्देश

दलाल ने कहा क‍ि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल को भी 3 दिन तक तुरंत प्रभाव से खोलने का निर्णय लिया गया है. जिन किसानों ने अभी तक अपनी फसलों का ब्यौरा इस पोर्टल पर दर्ज नहीं किया है, वे किसान अपनी फसल का ब्यौरा पंजीकृत करवाकर फसल उत्पाद को सुगमता से बेच सकते हैं. बता दें क‍ि हर‍ियाणा में कोई भी फसल एमएसपी पर बेचने के ल‍िए इस पोर्टल पर रज‍िस्ट्रेशन करना होता है. इस पर अगर फसल का ब्यौरा नहीं है तो मुआवजा भी नहीं म‍िलेगा.

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