Narma Bhav Today नरमा और कपास के भाव में आज की तेजी-मंदी 23 फरवरी 2024
नरमा और कपास के भाव
नरमा और कपास दोनों ही महत्वपूर्ण फसलें हैं, जो भारत के कई राज्यों में उगाई जाती हैं। नरमा और कपास का तेल, बुनाई, वस्त्र, बायोडीजल और अन्य उद्योगों में उपयोग किया जाता है। नरमा और कपास के भाव पर कई कारक प्रभाव डालते हैं, जैसे मौसम, उपज, आवक, मांग, आयात-निर्यात, अंतर्राष्ट्रीय बाजार, नीतिगत फैसले आदि। इन कारकों के कारण, नरमा और कपास के भाव में तेजी और मंदी की स्थिति बनती रहती है।
आज का मंडी रेट
आज के दिनांक 23 फरवरी 2024 को, देश की प्रमुख मंडियों में नरमा और कपास के भाव कुछ इस प्रकार हैं:
मंडी | नरमा भाव (रु/क्विंटल) | कपास भाव (रु/क्विंटल) |
---|---|---|
ऐलानाबाद | 6749 | - |
सिरसा | 6860 | 6765 |
आदमपुर | 6900 | - |
भूना | 6535 | 6700 |
श्री गंगानगर | 5000/6950 | - |
सांगरिया | 4500/6602 | - |
अबोहर | 5000/6850 | 6500/50 |
श्री विजयनगर | 7150 | - |
नरमा और कपास के भाव का भविष्य
नरमा और कपास के भाव का भविष्य अनेक तथ्यों पर निर्भर करता है। कुछ मुख्य तथ्य निम्नलिखित हैं:
- मौसम: मौसम का नरमा और कपास की उपज और गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है। अगर मौसम अनुकूल रहता है, तो उपज अच्छी होती है और भाव में निर्मूल्यीकरण होता है। अगर मौसम अनुपयुक्त रहता है, तो उपज कम होती है और भाव में वृद्धि होती है।
- आवक: आवक का नरमा और कपास के भाव पर सीधा प्रभाव पड़ता है। अगर आवक अधिक होती है, तो भाव में गिरावट होती है। अगर आवक कम होती है, तो भाव में चढ़ाई होती है।
- मांग: मांग का नरमा और कपास के भाव पर असर पड़ता है। अगर मांग अधिक होती है, तो भाव में बढ़ोतरी होती है। अगर मांग कम होती है, तो भाव में कमी होती है।
- आयात-निर्यात: आयात-निर्यात का नरमा और कपास के भाव पर प्रभाव पड़ता है। अगर आयात अधिक होता है, तो भारत में नरमा और कपास की आपूर्ति बढ़ती है और भाव में कमी होती है। अगर निर्यात अधिक होता है, तो भारत में नरमा और कपास की मांग बढ़ती है और भाव में वृद्धि होती है।
इन तथ्यों के आधार पर, आप नरमा और कपास के भाव में आने वाली तेजी और मंदी का अनुमान लगा सकते हैं। आप अपने फसल को बेचने का सही समय चुन सकते हैं और अधिक लाभ कमा सकते हैं।