जैविक खाद डालने के बाद भी पपीते के पौधे पढ़ रहे हैं पीले, फल लगने से पहले ही झड़ जाते हैं, तो आजमाएं ये घरेलू उपाय होगा 100% फायदा

सफेद मक्खी की सक्रियता पर नजर रखें और उसका नियमित प्रबंधन करें, ताकि बीमारी न बढ़े।

जैविक खाद डालने के बाद भी पपीते के पौधे पढ़ रहे हैं पीले, फल लगने से पहले ही झड़ जाते हैं, तो आजमाएं ये घरेलू उपाय होगा 100% फायदा
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जैविक खाद डालने के बाद भी पपीते के पौधे पढ़ रहे हैं पीले, फल लगने से पहले ही झड़ जाते हैं, तो आजमाएं ये घरेलू उपाय होगा 100% फायदा


पपीता की खेती में जैविक खाद का उपयोग करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। पपीता की खेती में जैविक खाद का प्रयोग करने के बावजूद, किसानों को पत्तियों में पीलापन और पौधों के बढ़वार में समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

गोबर की खाद

गिरते तापमान के असर को कम करने के लिए, प्रति पौध के चारों ओर 10 किलो अच्छी पकी हुई गोबर खाद का इस्तेमाल करें। इसे सक्रिय जड़ों के पास थाला बनाकर बिखेरने से पौधों की बढ़वार हो सकती है।

पत्तियों पर पीलापन का उपाय

पत्तियों पर पीलापन के लक्षणों का समझाना जरूरी है। इसका मुख्य कारण सफेद मक्खी का हो सकता है। सफेद मक्खी की सक्रियता पर नजर रखें और उसका नियमित प्रबंधन करें, ताकि बीमारी न बढ़े।

जैविक कीटनाशक का उपयोग

जैविक कीटनाशक स्वयं बनाने के लिए 1 किलो तम्बाकू के पत्ते, 500 ग्राम नीम का तेल, और 25 ग्राम कपड़े धोने का साबुन उपयोग करें। तम्बाकू के पत्तों को पानी में भिगोकर तैयार किए गए घोल में मिलाकर पेस्टिसाइड बनाएं और इसे पौधों पर छिड़कें। पपीता की खेती में जैविक खाद और सुरक्षित पेस्टिसाइड्स का सही उपयोग करने से, आप स्वस्थ और सुरक्षित उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

ध्यान दें: इस सामग्री का उपयोग करते समय सुरक्षितता के लिए सावधानी बरतें और विशेषज्ञ से सलाह लें।

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