एचएयू द्वारा तैयार की गई बेहतरीन मूंग किस्म - जानिए इससे होने वाले फायदे और उसकी विशेषताएं

हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की गई एक नई और जबरदस्त मूंग किस्म के बारे में जानकारी प्राप्त करें। इस किस्म का नाम है एमएच-1142, जो खासकर खरीफ सीजन के लिए अनुकूल है और पीलिया रोग से सुरक्षित है

एचएयू द्वारा तैयार की गई बेहतरीन मूंग किस्म - जानिए इससे होने वाले फायदे और उसकी विशेषताएं
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हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की गई एक नई और जबरदस्त मूंग किस्म के बारे में जानकारी प्राप्त करें। इस किस्म का नाम है एमएच-1142, जो खासकर खरीफ सीजन के लिए अनुकूल है और पीलिया रोग से सुरक्षित है। यह आर्टिकल आपको इसकी खासियतें, पैदावार, और खेती के लिए सही स्थानों के बारे में बताएगा।

एमएच-1142 की खेती से होने वाले फायदे को देखते हैं - यह खासकर खरीफ सीजन में बेहतर पैदावार प्रदान करती है और पीलिया रोग के प्रति सहनशील है। इससे किसानों को बेहतर और सुरक्षित उपज मिलती है, जिससे उन्हें अधिक लाभ होता है।

एमएच-1142 की खासियतें

पीलिया रोग से सुरक्षित

खरीफ सीजन के लिए अनुकूल

खेती के फायदे

अधिक पैदावार

सहनशीलता

2020 में हुई इस किस्म की तैयारी ने खेतीकरों को एक नई आशा दी है। इसका नाम स्पेशल से है, और इसने पीलिया रोग के प्रति अपनी सहानुभूति को बढ़ाया है। यहां हम इसके विशेषताओं और उससे होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

एमएच-1142 की पैदावार की बात करते हैं - इसकी क्षमता और पैदावार की उम्मीदें जानें। खेतीकरों को इसके खरीफ सीजन में बिजाई करने से अधिक पैदावार की संभावना है और यह 10 से 12 क्वांटल प्रति एकड़ तक की पैदावार प्रदान कर सकता है।

खरीफ सीजन में उत्तम पैदावार

एमएच-1142 की क्षमता

10 से 12 क्वांटल प्रति एकड़

इस मूंग किस्म को बिजाई के लिए सही स्थान का चयन करना भी महत्वपूर्ण है। इसे दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, और बिहार जैसे राज्यों के लिए अनुकूल माना जाता है, जहां यह बेहतर पैदावार के लिए जानी जाती है और किसानों ने इसका उपयोग किया है।

सही बिजाई के लिए स्थान

दिल्ली

पंजाब

हरियाणा

राजस्थान

उत्तर प्रदेश

उत्तराखंड

बिहार

इस मूंग किस्म की बीज मात्रा बारे में भी जानकारी प्रदान करते हैं - आपको प्रति एकड़ 8 से 10 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। इससे किसान अधिक जगहों पर आचा फायदा उठा सकता है और इसका उपयोग बड़ी स्थानीय वृद्धि में किया जा सकता है।

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