किसान भाई ध्यान दे! गेहूं की इस किस्म की खेती से होगा तगड़ा मुनाफा

किसान भाई ध्यान दे! गेहूं की इस किस्म की खेती से होगा तगड़ा मुनाफा
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रबी मौसम में फसलों के बोए जाने का अंतिम चरण चल रहा है। वे किसान जो अभी तक गेहूं की बोई नहीं कर पाए हैं, वे इस महीने में भी गेहूं की छोटी बोई कर सकते हैं। इस लिए कई उन्नत किस्में मौजूद हैं जो बेहतर उत्पादन देती हैं। गेहूं की कुछ किस्में पहले से ही उत्तम उत्पादन के लिए प्रस्तुत हैं।

विशेष बात यह है कि इन किस्मों की उच्च गुणवत्ता के कारण उन्हें बाजार में अच्छे मूल्य मिलते हैं, पिछले साल इनकी बिक्री पंजाब में 8,000 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य पर हुई थी। ऐसे में इन किस्मों की खेती किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है।

सरकार द्वारा राज्य के किसानों को इस खास किस्म के गेहूं की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस खास किस्म के बीज भी किसानों के लिए उपलब्ध किए जा रहे हैं। यह किस्म डायबिटीज के रोगियों के लिए भी उपयोगी मानी जाती है चूंकि इसमें शुगर की मात्रा कम होती है।

इसका नाम सोना-मोती है और यह पुरानी गेहूं की प्रमुख किस्मों में से एक है। इसकी खेती भारत में पूर्व से ही प्रचलित है। इस किस्म के उपयोग से स्वास्थ्य को फायदा होता है और बाजार में इसका भाव भी उच्च मिलता है। इसलिए, किसान भाइयों को इस विशेष गेहूं की खेती से अच्छा मुनाफा हासिल करने का अवसर मिल सकता है।

आज हम आपको सोना-मोती गेहूं की किस्म की विशेषता, लाभ व बाजार भाव से संबंधित जानकारी दे रहे हैं, तो आइये जानते हैं गेहूं की सोना माेती किस्म के बारे में पूरी जानकारी।

गेहूं की सोना-मोती किस्म की क्या है विशेषता

इस किस्म के गेहूं को हमारे देश में 'सोना मोती' के नाम से जाना जाता है और प्राचीन समय से ही इसकी खेती होती आई है। यह गेहूं की किस्म स्वास्थ्य के लिए बहुत पोषणीय मानी जाती है। 'सोना-मोती' की विशेषताएं उन गेहूं के मुकाबले ज्यादा होती हैं, जो इसमें तीन गुना ज्यादा फोलिक एसिड की मात्रा प्रदान करती है। फोलिक एसिड गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी होता है। इसके अतिरिक्त, यह बालों को भी मजबूत बनाने में सहायक होता है।

इस किस्म में भरपूर मात्र में खनिज और प्रोटीन भी होता है। इसमें 26 प्रतिशत अधिक खनिज और 40 प्रतिशत अधिक प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है।

सोना मोती गेहूं की किस्म की खेती कम उपजाऊ भूमि पर भी आसानी से की जा सकती है।

इस किस्म के गेहूं की खेती में कम सिंचाई की आवश्यकता होती है। जहां साधारण गेहूं की किस्म में 5 से 6 सिंचाई की आवश्यकता होती है वहीं इस किस्म में 3 सिंचाई से भी काम चल जाता है।

इस किस्म की खेती जैविक व प्राकृतिक पद्धति से की जाए तो रासायानिक व कीटनाशक के भारी खर्च की बचत की जा सकती है। इससे खेती की लागत में कमी आएगी।

गेहूं की इस परंपरागत किस्म में जलवायु परिवर्तन व रोगों का प्रभाव कम देखा गया है।

गेहूं की इस किस्म से कितनी मिलती है पैदावार

यदि बात की जाए गेहूं की सोना-मोती किस्म से मिलने वाली पैदावार की तो जैविक एवं प्राकृतिक पद्धति से इसकी खेती करने पर गेहूं की दूसरी किस्म के मुकाबले अधिक पैदावार प्राप्त होती है। इस गेहूं की औसत पैदावार 12 से 15 क्विंटल प्रति एकड़ तक प्राप्त की जा सकती है।

किस राज्य के किसान कर रहे हैं सोना-मोती गेहूं की खेती

सोना-मोती किस्म के गेहूं की खेती अब किसान कम करते हैं। लेकिन अभी भी कई राज्यों के किसान इसकी खेती कर रहे हैं और इससे काफी बेहतर लाभ कमा रहे हैं। पंजाब, हरियाणा, बिहार, झारखंड और मध्यप्रदेश में कई किसान इसकी खेती कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के किसान वल्लभ पाटीदार ने सोना मोती किस्म की खेती करके अच्छा लाभ प्राप्त किया है।

किसान के मुताबिक उन्होंने जैविक तरीके से सोना-मोती गेहूं की खेती की और इसमें किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद और कीटनाशक का उपयोग नहीं किया और इससे करीब 15 क्विंटल पैदावार प्राप्त की। उनके अनुसार जहां गेहूं की अन्य किस्म में 5 से 6 सिंचाई की जरूरत होती है, वहीं गेहूं की यह किस्म मात्र तीन सिंचाई में तैयार हो जाती है।

किसानों को सोना-मोती गेहूं की खेती के लिए किया जा रहा है प्रोत्साहित

बिहार सरकार की ओर से गेहूं की पारंपरिक किस्म सोना-मोती की खेती के लिए राज्य के किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य के कृषि विभाग ने सोना-मोती किस्म के बीजों के उत्पादन को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इसके तहत गया और बेगुसराय जिले के एक-एक कृषि प्रक्षेत्र में इस किस्म के गेहूं की खेती करवाई जाएगी।

इसके लिए बेगुसरास के कुंभी और गया के खिरियावां राजकीय बीज गुणन प्रक्षेत्र में बीज उत्पादन कार्यक्रम चलाया जाएगा। वहीं, अन्य स्थानों पर इसकी खेती के लिए बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। कुंभी में आठ और खिरियावां में छह हैक्टेयर रकबा में इसकी खेती करवाई जाएगी।

सोना-मोती गेहूं की खेती के लिए कहां से मिलेगा बीज

किसानों को सोना-मोती गेहूं किस्म के बीजों की सहज उपलब्धता हो, इसके लिए कृषि विभाग ने बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड को इसका जिम्मा सौंपा है। किसानों को राज्य बीज निगम लिमिटेड के माध्यम से बीज उपलब्ध कराया जाएगा।

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