किसान भाई ध्यान दे! अगर पीएम फसल बीमा का फायदा उठाने में आ रही कोई दिक्कत, तो ऐसे करे चेक

किसान भाई ध्यान दे! अगर पीएम फसल बीमा का फायदा उठाने में आ रही कोई दिक्कत, तो ऐसे करे चेक
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खेती-किसानी एक अनिश्चितता से भरी पेशेवरी है। अनेक प्राकृतिक आपदाओं के कारण, किसानों की फसलें नुकसान उठा सकती हैं। इस खतरे को कम करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत हुई थी। इस योजना में रबी और खरीफ दोनों ही मुख्य फसलों को शामिल किया गया है। किसानों को केवल दो फीसदी प्रीमियम देना पड़ता है, शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है।

फसल नुकसान के बाद किसानों को बीमा लेने और शिकायत करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें इस टोल-फ्री नंबर 14447 पर शिकायत दर्ज कराने का विकल्प होता है। पहले आपको इस नंबर पर कॉल करके अपनी जानकारी और समस्या के बारे में बतानी होगी। उसके बाद आपको एक टिकट आईडी दी जाएगी। इसके बाद शिकायत दर्ज करने के बाद आपको एक एसएमएस प्राप्त होगा, जिसके बाद आपको अपनी शिकायत का फॉलोअप करना होगा।

किसान खरीफ फसलों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पोर्टल (www.pmfby.gov.in) पर जाकर अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं। इस योजना के तहत, अगर किसान की फसल पर व्यक्तिगत नुकसान हुआ है, तो उसे इसका लाभ मिलेगा। पहले सिर्फ सामूहिक स्तर पर खराब फसल पर लाभ मिलता था, लेकिन अब प्राकृतिक आपदाओं के चलते किसानों को फसल बर्बाद होने पर उस नुकसान की भरपाई बीमा कंपनियों द्वारा की जाती है।

72 घंटे के अंदर फसल बर्बादी की दें सूचना

अगर प्राकृतिक आपदाओं के चलते कोई बीमित किसान फसल बर्बादी की स्थिति का सामना करता है, तो वह 72 घंटों के अंदर नीचे दिए गए विकल्पों के माध्यम से सूचना दे सकता है. किसान क्रॉप इंश्योरेंस ऐप के माध्यम से किसान अपनी बर्बाद हुई फसल की जानकारी दे सकता है. साथ ही बीमा कंपनियों के टोल फ्री नंबर पर कॉल कर सकता है. इसके अलावा नजदीकी कृषि कार्यालय पर इस बारे में जानकारी दी जा सकती है और संबंधित बैंक शाखा और जनसेवा केंद्र विजिट कर सकते हैं.

सत्यापन के बाद भेजी जाएगी मुआवजे की राशि

ऊपर दिए गए विकल्पों पर सूचना देने के बाद बीमा कंपनी किसी अधिकृत व्यक्ति को खेतों का मुआयना करने के लिए भेजेगी. वह व्यक्ति खेतों में खराब हो चुकी फसलों का आकलन कर बीमा कंपनी को रिपोर्ट सौंपेगा. इन सब प्रकियाओं के पूरा होने के बाद किसान को उनके मुआवजे मिलता है. अधिक जानकारी के लिए आप जन सेवा केंद्र, संबंधित कृषि विभाग के अधिकारी या किसान कॉल सेंटर पर फोन करके संपर्क कर सकते हैं.

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