किसान भाई ध्यान दे! बेमौसम बारिश से आलू की खेती हो सकती है खराब, जानिए बचाव का तरीका

किसान भाई ध्यान दे! बेमौसम बारिश से आलू की खेती हो सकती है खराब, जानिए बचाव का तरीका
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Rabi Crops: कुछ राज्यों में अनुमान से अधिक बारिश ने जनता को तकलीफें देंगी, लेकिन उसी बारिश ने गेहूं जैसी फसलों के किसानों को खुशी दी है। इस बारिश से रबी फसलों को बहुत फायदा मिलेगा। गेहूं को अब तक जरूरत थी पहली या दूसरी सिंचाई की, और बारिश ने इस फसल को बहुत मदद की। चना और मसूर जैसी दलहनी फसलों पर भी इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा। सरसों, तीसी, और तिलहनी जैसी फसलों को भी बारिश से फायदा होगा।

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, वर्तमान मौसम गेहूं के लिए अनुकूल है। कुछ जगहों पर हल्की बारिश हुई है, जिससे गेहूं को सिंचाई की सुविधा मिली है। जो जगहें नवंबर में गेहूं बोई गई थीं, वहां अब दूसरी सिंचाई का समय है, जबकि दिसंबर के मध्य तक बोई गई जगहें अब पहली सिंचाई के लिए तैयार हैं। वर्तमान में ठंडी हवा भी गेहूं फसल के लिए उपयुक्त है।

बेमौसम बारिश से आलू को नुकसान

गेहूं और दलहन जैसी फसलों को अनियमित बारिश से लाभ हो सकता है, लेकिन आलू की फसल पर इसका असर हो सकता है। अधिक नमी के कारण, आलू की फसल में बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। झुलसा रोग का खतरा भी बढ़ जाता है जो आलू में होता है।

किसान इस बीमारी को समय पर प्रबंधित करके नुकसान से बच सकते हैं। इस रोग के लक्षणों के दिखने पर, उन्हें जिनेब 75 फीसदी घुलनशील चूर्ण 2.0 किग्रा प्रति हेक्टेयर या मैंकोजेब 75 फीसदी घुलनशील चूर्ण 2 किग्रा प्रति हेक्टेयर या कॉपर आक्सीक्लोराइड 50 फीसदी घुलनशील 2.5 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर पर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।

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