किसान भाई ध्यान दे! गेहूं की फसल को बर्बाद कर देते हैं जड़ माहू कीट, जानिए बचाव करने का तरीका

किसान भाई ध्यान दे! गेहूं की फसल को बर्बाद कर देते हैं जड़ माहू कीट, जानिए बचाव करने का तरीका
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Wheat Crop: गेहूं की फसल के लिए अनेक कीट और रोग होते हैं, जिनमें जड़ माहू कीट बहुत घातक होते हैं। किसानों को इन कीटों की पहचान करने में कई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, और जब तक ये पहचान होती है, तब तक फसल को काफी हानि हो चुकी होती है।

बिहार कृषि विभाग ने इस समस्या को समझकर गेहूं की फसल में जड़ माहू कीट को रोकने के उपायों का सुझाव दिया है। उन्होंने किसानों को बताया है कि मौसम के बदलने से गेहूं की फसल में इस कीट का प्रकोप हो सकता है। इसलिए उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे अपने खेतों की निगरानी करें।

जड़ माहू प्रकोप के लक्षण

यह कीट गेहूं फसल में पौधों की जड़ों से रस चूसता है जिसके कारण पौधा पीला पड़ने लगता है और धीरे-धीरे सूखने लगता है. शुरुआत में खेतों में जगह-जगह पीले पड़े हुए पौधे दिखाई देते है, बाद में पूरा खेत सूखने की संभावना रहती है.

जड़ माहू कीट की पहचान

यह कीट हल्के पीले रंग से गहरे हरे रंग का होता है जो जड़ों का रस चूसता हुआ दिखाई पड़ता है. गेहूं के पौधों को जड़ से उखाड़ने पर ध्यानपूर्वक देखने से यह कीट आसानी से दिखाई देता है.

जड़ माहू कीट प्रबंधन

कीटों को नियंत्रित करने के लिए, किसानों को चाहिए कि वे क्लोरोपायरीफॉस 20 प्रतिशत ईसी को 1 से 2 लीटर प्रति हेक्टेयर या फिप्रोनिल 0.3% जीआर को 15-20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर यूरिया या बालू मिट्टी में मिलाकर सिंचाई से पहले खेत में डालें।

या फिर, उन्हें इमीडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल को 200-250 एमएल प्रति हेक्टेयर या थायोमिथाक्जॉम 25% डब्ल्यूजी को 100 ग्राम प्रति हेक्टेयर या क्लोरोपायरिफोस 20% ईसी को 1 से 2 लीटर प्रति हेक्टेयर पानी में मिलाकर पूरे खेत में अच्छी तरह से छिड़काव करें। ये दवाएं सिस्टेमिक होती हैं, जिससे पौधा पूरी तरह से जहरीला हो जाता है, और जब कीट उससे रस चूसता है, तो वह मर जाता है।

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