किसान भाई ध्यान दे! इस पांच तरीकों से बचत के साथ बढ़ा सकते हैं उपज, जानिए ये आसान तरीका

किसान भाई ध्यान दे! इस पांच तरीकों से बचत के साथ बढ़ा सकते हैं उपज, जानिए ये आसान तरीका
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भारत एक कृषि-प्रधान देश है, जिसमें खेती का काम बहुत बड़े पैमाने पर होता है। यहां की जनसंख्या का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है और किसान अपना जीवन इसीसे जीते हैं। कृषि उनकी प्रमुख आजीविका है, लेकिन भारतीय किसानों की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। इसमें कई कारण हैं, जिनमें से एक है कि बहुत से किसान अभी भी पारंपरिक तरीके से ही खेती करते हैं।

इसलिए हम पांच सुझाव दे रहे हैं, जिनसे पैदावार में सुधार किया जा सकता है। कृषि सेक्टर में बड़े बदलाव आ रहे हैं। एक सफल किसान बनने के लिए, यह बहुत जरूरी है कि वो खुद को बदलती दुनिया में अपडेट करते रहें। कई बार फसलों की कम पैदावार के कारण किसानों को उसका मुनाफा नहीं मिल पाता है। इस बारे में हम पांच टिप्स बता रहे हैं, जिनसे किसानों को काफी लाभ हो सकता है।

खेतों में झाड़ियां जलाने से बचें

फसल कटाई के बाद खेत में अक्सर झाड़ियां उग जाती हैं, जो किसानों के लिए समस्या बन जाती है। ये झाड़ियां बार-बार खेत की बुआई को रोकती हैं। इस समस्या को हल करने के लिए, बजाय इन्हें जलाने के, इनको इकट्ठा करके खाद के रूप में उपयोग करना चाहिए। यह तरीका मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बनाए रखने में मदद कर सकता है।

बदलती तकनीक से खुद को रखें अपडेट

कृषि क्षेत्र में तेजी बदलाव हो रहे हैं. साल दर साल मशीनों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है, ताकि खेती को आसान बनाया जाए. किसानों को इससे हमेशा अपडेट रहने की जरूरत है. तभी किसान भी अपने काम में इसका फायदा उठा पाएंगे. इससे उनकी लागत और समय दोनों की बचत होगी.

मिट्टी की जांच कराएं

मिट्टी की जांच करवानी चाहिए, क्योंकि इससे यह पता चलता कि फसल और मिट्टी को कितने पोषण की आवश्यकता है. जिससे किसान खाद के साथ उर्वरक और पौषक तत्वों का सही मात्रा में छिड़काव कर पाएंगे.

घर पर तैयार करें बीज

किसान बुआई के लिए बाजार से बीज की खरीदारी करते हैं. इससे उनकी समय की बचत होती है. लेकिन इनमें ज्यादातर बीज प्रमाणित नहीं होते है और 10 % कम उत्पादन होता है. इसलिए किसानों को खुद से बीज बनाकर उपयोग करना चाहिए. इससे वह आधे खर्चे को बचा सकते हैं.

बची फसल देगी पोषण

खेत में बची हुई फसलों को जलाने से अच्छा, वो उसे जस का तस छोड़ दें. इसे बिना कुछ किए खेत में जुताई करनी चाहिए. बरसात में यह भीगने पर वापस खाद का काम देगा. इस तरह से किसान कचरे को भी पोषण युक्त में बदल सकते हैं.

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