किसान भाई ध्यान दे! इन 3 पेड़ की खेती से बन जाएंगे लखपति, जानिए कैसे?

किसान भाई ध्यान दे! इन 3 पेड़ की खेती से बन जाएंगे लखपति, जानिए कैसे?
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किसानों के लिए पेड़ों की खेती आज भी एक उत्तम माध्यम है जिससे उन्हें अच्छी कमाई होती है। अनेक राज्य सरकारें किसानों को पेड़ लगाने पर सब्सिडी प्रदान करती हैं। हालांकि, पेड़ों की खेती के लिए किसान को धैर्य रखना जरूरी है। जब किसान अपने पेड़ों को 10 से 12 साल तक पालता है, तो उसे बहुत अच्छा मुनाफा मिलता है। महोगनी, नीलगिरी, सागौन जैसे पेड़ इस समय में लगभग 1 लाख रुपये में बिक जाते हैं।

प्रत्येक पेड़ में अपनी विशेषता होती है। कुछ पेड़ों के हर अंग की मांग होती है। कुछ केवल उनकी लकड़ी के लिए बिकते हैं। वहीं, कई पेड़ों का उपयोग कागज बनाने के लिए होता है। हम आपको ऐसे कुछ पेड़ों के बारे में बताएंगे जिनकी खेती से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं।

महोगनी की खेती

महोगनी की लकड़ियां जहाज, गहने, फर्नीचर, प्लाईवुड, सजावट और मूर्तियों के निर्माण में इस्तेमाल होती हैं। यह दुर्लभ होती है और बहुत समय तक टिकी रहती है। इसके पत्तों और बीजों से निकले तेल का उपयोग मच्छर भगाने वाले प्रोडक्ट्स और कीटनाशकों के निर्माण में किया जाता है। इस तेल से साबुन, पेंट, वार्निश, और विभिन्न प्रकार की दवाइयां भी बनाई जाती हैं। इसके सभी पार्ट्स की मांग होती है।

सागवान की खेती

सागवान की लकड़ी में कभी दीमक नहीं लगती है. इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है. यही वजह है कि इससे बने प्रोडक्ट जल्द खराब नहीं होते हैं. वहीं छाल और पत्तियों में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं. इनका इस्तेमाल कई तरह की शक्तिवर्धक दवाओं को बनाने में भी किया जाता है. इसकी लकड़ियों का इस्तेमाल प्लाईवुड, जहाज़, रेल के डिब्बे और फर्नीचर बनाने में किया जाता है.

सफेदा की खेती

सफेदा की लकड़ियों का उपयोग घरों के फर्नीचर से लेकर पार्टिकल बोर्ड और इमारतों को बनाने में इसका उपयोग किया जाता है. बता दें कि इसके पौधे के लिए किसी खास जलवायु और मिट्टी की जरूरत नहीं पड़ती है. इसे कहीं भी उगाया जा सकता है. ग्रामीण इलाकों में इस पेड़ की लकड़ियों का खाना बनाने के दौरान खूब होता है.

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