किसान ने वर्मी कम्पोस्ट से पाया सफलता: 12 लाख रुपए की कमाई

सुनहरी किस्ती: किसान ने केंचुए से तैयार की खाद से कमाई की ज़िन्दगी की सबसे बड़ी खेती

किसान ने वर्मी कम्पोस्ट से पाया सफलता: 12 लाख रुपए की कमाई
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भारतीय किसान की खेती में एक नया कदम उत्तरी भारत के राजस्थान राज्य के श्रीगंगानगर जिले के एक छोटे से गांव से आया है। यह किसान ने पानी की समस्या को मात देते हुए खेतों की उपज को बढ़ावा देने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है। इस किसान ने केंचुए से तैयार की खाद का इस्तेमाल कर अपने खेतों की फसलों को बेहतर बनाया है और उसका फायदा उसके खुद को भी मिल रहा है।

केंचुए की खेती से कमाई का आईडिया

यह किसान, जिनका नाम कमलेश लावा है, ने अपने गांव में केंचुए की खेती से कमाई करने का आईडिया दिया। उन्होंने खुद ही केंचुए की खेती करना शुरू किया और उसके गोबर को उपयोग करके खाद तैयार की। इससे उनके खेतों की उपज में बढ़ोतरी हुई और उन्होंने इससे अच्छी कमाई की तरफ कदम बढ़ाया।

खाद की तैयारी और उपयोग

कमलेश ने खाद तैयार करने के लिए केंचुए की गोबर का इस्तेमाल किया। वे गोबर को वर्मी कम्पोस्टर में डालकर उसे खाद में बदलते हैं। इस तरीके से उनकी खाद में कई महत्वपूर्ण उर्वरक तत्व मिल जाते हैं जैसे कि जिप्सम, पोटाश, कॉपर आदि। यह खाद उनके खेतों की फसलों को पौष्टिकता पूर्वक बढ़ावा देती है और उनकी पैदावार में वृद्धि करती है।

अद्वितीय प्रयास से आय का स्रोत बनाया

कमलेश ने अपने खेतों में इस नये तरीके से खाद तैयार करने के बाद, उसे अपने पड़ोसी किसानों के बीच में भी प्रस्तुत किया। उनके प्रयासों और मेहनत के बाद, कई किसान भी उनकी खाद का उपयोग करने लगे हैं। इससे उनकी कमाई में भी बढ़ोतरी हुई है और वह अब हर साल 12 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं।

वातावरण और स्वास्थ्य का भी ख्याल

कमलेश का यह प्रयास सिर्फ खेती में कमाई करने के लिए ही नहीं बल्कि वातावरण की सुरक्षा और स्वास्थ्य की दिशा में भी महत्वपूर्ण है। उनकी खाद के उपयोग से उनके खेतों की फसलों में पेस्टिसाइड्स और केमिकल्स की आवश्यकता कम हो गई है, जिससे वातावरण को भी बेहतरीन फायदा मिल रहा है।

नये आईडिया से नये दिशाएं

कमलेश की कहानी हमें यह सिखाती है कि किसानों के पास नए और आविष्कारिक तरीकों का होना किसानी में नई दिशाओं की ओर ले जा सकता है। उन्होंने आय के स्रोत को दिखाने के लिए केंचुए की खेती का आईडिया अपनाया और आज वह खुद को एक सफल किसान के रूप में देख रहे हैं।

इस किसान की मेहनत और संघर्ष ने न सिर्फ उसकी खुद की कमाई बढ़ाई है, बल्कि उसने अपने पड़ोसी किसानों को भी नए तरीकों के साथ कमाई का मार्ग दिखाया है। इससे हमें यह सिखने को मिलता है कि समृद्धि पाने के लिए हमें नए और आविष्कारिक तरीकों की ओर बढ़ना चाहिए और वो सफलता खुद बदलने में मिल सकती है।

कमलेश की कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत, संघर्ष और नए आईडियाज़ से हम किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने केंचुए से तैयार की खाद का उपयोग करके अपने खेतों की उपज में बढ़ोतरी की है और उनकी कमाई में भी वृद्धि की है। इससे हमें यह सिखने को मिलता है कि नए और आविष्कारिक तरीकों का इस्तेमाल करके हम खुद को और अपनी समृद्धि को बढ़ा सकते हैं।

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