किसान सचिन पराली के बंडल बेचकर कमा रहा 6 से 7 लाख रूपये, अब तक 600 एकड़ से ज्यादा पराली से स्ट्रा बेलर बना चुके हैं

युवा किसान सचिन ने स्ट्रा बेलर की मदद से सिर्फ एक सीजन में 6 से 7 लाख रुपए कमा लिए हैं इसलिए किसान पराली जलाने की गलती कभी ना करें

किसान सचिन पराली के बंडल बेचकर कमा रहा 6 से 7 लाख रूपये, अब तक 600 एकड़ से ज्यादा पराली से स्ट्रा बेलर बना चुके हैं
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किसान सचिन पराली के बंडल बेचकर कमा रहा 6 से 7 लाख रूपये, अब तक 600 एकड़ से ज्यादा पराली से स्ट्रा बेलर बना चुके हैं

पराली, एक समस्या नहीं है, बल्कि एक साथ बहुत सारा पैसा कमाने का बेहतरीन अवसर है। सोनीपत जिले के घूमड़ गांव के युवा किसान सचिन ने स्ट्रा बेलर की मदद से सिर्फ एक सीजन में 6 से 7 लाख रुपए कमा लिए हैं इसलिए किसान पराली जलाने की गलती कभी ना करें क्योंकि इसका सही इस्तेमाल करके हम बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं

पराली समस्या

पराली की समस्या केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के लिए मुश्किल समस्याओं में से एक है। पराली के अवशेषों को जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है और लोगों के स्वास्थ्य को खतरा होता है। यह समस्या न केवल वायुमंडल में है, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता को भी प्रभावित करती है।

सचिन का समाधान

सचिन ने इस समस्या का समाधान निकाला है, जिससे वह न केवल खुद कमाई कर रहे हैं, बल्कि उनके प्रयास से पराली के अवशेषों का सही ढंग से उपयोग हो रहा है।

सचिन का तरीका है किसानों से पराली को खरीदना और उसे स्ट्रा बेलर (बंडल) बनाने के लिए उपयोग करना। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें हर सीजन में 6 से 7 लाख रुपये की कमाई हो रही है।

सरकार के प्रयास

सरकारें भी पराली समस्या से निपटने के लिए कई प्रयास कर रही हैं, जैसे कि किसानों को सब्सिडी पर मशीनें देना। लेकिन सचिन जैसे युवा किसान भी इस समस्या का समाधान निकाल रहे हैं।

युवा किसान सचिन ने पराली के अवशेषों से स्ट्रा बेलर बनाकर कमाई का तरीका ढूंढा है। सोनीपत के इस गूमड़ निवासी ने किसानों के लिए एक नई मिसाल प्रस्तुत की है, जो पराली के साथ प्रदूषण और मिट्टी की गुणवत्ता को सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है।

पराली से स्ट्रा बेलर बनाने का अनूठा विचार

पराली, जो किसानों के लिए एक समस्या बन जाती है, अब एक नए रास्ते से समाधान पाने की दिशा में है। सचिन, सोनीपत के गूमड़ गांव के निवासी, ने पराली के अवशेषों से स्ट्रा बेलर बनाने का विचार धारण किया है। वे पराली को किसानों से खरीदते हैं और उसका उपयोग स्ट्रा बेलर के रूप में करके कमाई करते हैं।


सचिन के इस कार्य को लेकर कुछ लोगों की आलोचना हो रही है, क्योंकि वे पराली की खरीद कर उसे बेचकर कमाई कर रहे हैं। हालांकि इसका पर्यावरण और मिट्टी की गुणवत्ता पर प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन यह किसानों के लिए एक उत्कृष्ट विचार है जो उन्हें अधिक आय प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

सरकारी समर्थन और सब्सिडी

सरकार किसानों को पराली से निपटने के लिए सब्सिडी पर यह मशीन प्रदान कर रही है, ताकि पराली का समाधान सही ढंग से किया जा सके। सचिन ने अब तक 600 एकड़ से ज्यादा पराली से स्ट्रा बेलर बना दी है, जिससे किसानों को अधिक आय प्राप्त हो रही है।

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