किसान हुए राजी, लेकिन ग्राहकों की लगी वाट, गेहूं हुआ 5,000 रूपये प्रति क्विंटल के भी पार, क्या है सरकार का अगला कदम
इन मंडियों में गेहूं के भाव काफी उच्च हैं, और यह उपभोक्ताओं के लिए चिंता का सबब बन रहे हैं।
किसान हुए राजी, लेकिन ग्राहकों की लगी वाट, गेहूं हुआ 5,000 रूपये प्रति क्विंटल के भी पार, क्या है सरकार का अगला कदम
गेहूं के दाम ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है, और इसके पीछे कई कारण हैं। इस लेख में, हम जानेंगे कि गेहूं के दाम इतने बढ़े हुए हैं और क्यों सरकार के उपायों के बावजूद यह तेजी से बढ़ रहे हैं।
गेहूं के दाम में रिकॉर्ड उच्चाई
गेहूं के दाम में रिकॉर्ड उच्चाई के पीछे कई कारण हैं, जिनमें विशेषकर राजस्थान में बढ़ती उत्पादन, एक्सपोर्ट बैन, ओपन मार्केट सेल स्कीम, और स्टॉक लिमिट लागू किए जाने का प्रभाव है।
राजस्थान में रिकॉर्ड भाव
राजस्थान में गेहूं के भाव काफी उच्च हैं, जहां बड़ी सादड़ी में गेहूं की अधिकतम रेट 5,325 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। यह रेट गेहूं की एमएसपी से भी ज्यादा है, जो 2125 रुपये प्रति क्विंटल है।
कारण और समाधान
इस वृद्धि के पीछे कई कारण हैं, जिनमें बढ़ती उत्पादन और स्टॉक ज्यादा होना शामिल है। केंद्र सरकार ने कई उपायों का सहारा लिया है, जैसे कि एक्सपोर्ट पर बैन, ओपन मार्केट सेल स्कीम, और स्टॉक लिमिट लगाना।
यहां दिए गए हैं कुछ मंडियों में गेहूं के भाव:
मंडी न्यूनतम भाव
कोटा 1,977
चित्तौड़गढ़ 2,430
बूंदी 2,285
श्रीगंगानगर 2,200
प्रतापगढ़ जिले 2,371
चित्तौड़गढ़ जिले 2,301
इन मंडियों में गेहूं के भाव काफी उच्च हैं, और यह उपभोक्ताओं के लिए चिंता का सबब बन रहे हैं।
सरकार के कदम
सरकार ने गेहूं के दाम को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि एक्सपोर्ट पर बैन लगाना, ओपन मार्केट सेल स्कीम, और स्टॉक लिमिट लागू करना। इन कदमों का लक्ष्य गेहूं के दामों को नियंत्रित करना है।
इस तरह, गेहूं के दाम में हो रही बढ़ोतरी का कारण और सरकार के कदम हमें समझ में आ गए हैं। अब यह देखना होगा कि आने वाले समय में कैसे इस पर नियंत्रण रखा जा सकता है।