यूरिया एवं डीएपी खाद, ना मिलने पर किसान यहां कर सकते है शिकायत, अब इस रेट मिलेगा यूरिया एवं डीएपी खाद

खरीफ फसलों के मौसम में यूरिया और डीएपी खाद की मांग बढ़ जाती है, क्योंकि फसलों का विकास इस समय शुरू हो जाता है।

यूरिया एवं डीएपी खाद, ना मिलने पर किसान यहां कर सकते है शिकायत, अब इस रेट मिलेगा यूरिया एवं डीएपी खाद
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खेत खजाना : खेती का महत्वपूर्ण हिस्सा है उर्वरक (खाद) का प्रयोग, क्योंकि यह फसलों के विकास और पैदावार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, सल्फर, और पोटाश जैसे पोषक तत्व पौधों के लिए आवश्यक होते हैं। इन खादों का समय पर प्रयोग करना फसलों की पैदावार को बढ़ावा देता है और किसानों को बेहतर मुनाफा प्राप्त करने में मदद करता है।

खादों की मांग और समस्याएं:

खरीफ फसलों के मौसम में यूरिया और डीएपी खाद की मांग बढ़ जाती है, क्योंकि फसलों का विकास इस समय शुरू हो जाता है।इसके परिणामस्वरूप, किसान इस समय अपनी फसलों को उर्वरक देने के लिए तैयारी करते हैं। हालांकि, कई बार किसानों को खाद मिलने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, और दुकानदारों के द्वारा नकली खाद बेची जाने का खतरा भी होता है।

सरकार की उपायें:

बिहार सरकार ने इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए कदम उठाया है। सरकार ने यूरिया (नीम लेपित), डीएपी, एमओपी, और एसएसपी खाद के मूल्यों को निर्धारित किया है, जिससे किसानों को सही मूल्य पर खाद मिल सके। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि खादों की बिक्री अंशदान के मूल्य से अधिक नहीं होती है।

किसानों के लिए शिकायत का संदेश:

यदि किसानों को खाद मिलने में किसी प्रकार की समस्या होती है या वे दुकानदारों द्वारा धोखाधड़ी से बेचे जाने का शिकार होते हैं, तो वे बिहार कृषि विभाग के कार्यालय में इसकी शिकायत कर सकते हैं। वहीं, व्यापारियों के खाद की कालाबाज़ारी और मुनाफ़ाख़ोरी के खिलाफ भी कदम उठाया जा रहा है।

शिकायत करने का तरीका:

किसान खाद खरीदने के बाद अपनी बिक्री रसीद अवश्य प्राप्त करें। यदि आपको खाद के संबंध में कोई समस्या होती है, तो आप कृषि विभाग के हेल्पलाइन नंबर 0612-2233555 पर सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक कॉल कर सकते हैं। आप भी किसान मेल के माध्यम से fertilizer.bihar@gmail.com पर समस्या या शिकायत कर सकते हैं।

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