किसानों को फिर मिली खुशखबरी! सरसों तेल की महंगाई से मिलेगी राहत, जाने सरसों के रकबे का आंकड़ा

किसानों को फिर मिली खुशखबरी! सरसों तेल की महंगाई से मिलेगी राहत, जाने सरसों के रकबे का आंकड़ा
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किसानों को फिर मिली खुशखबरी! सरसों तेल की महंगाई से मिलेगी राहत, जाने सरसों के रकबे का आंकड़ा

खेत खजाना : भारत में सरसों की खेती का महत्वपूर्ण स्थान है। सरसों का तेल खाने के लिए ज्यादातर उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, सरसों के बीज और साग भी उपयोगी होते हैं। सरसों की फसल का रबी सीजन में बुवाई की जाती है। इस बार, सरसों के रकबे में 5 फीसदी की वृद्धि हुई है। इससे तेल की कीमतों पर कोई असर पड़ेगा? आइए जानते हैं।

सरसों के रकबे का आंकड़ा

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें सरसों के रकबे का आंकड़ा दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, फसल वर्ष 2023-24 के रबी सीजन में सरसों का रकबा 100.39 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल के 95.76 लाख हेक्टेयर से 5% अधिक है। इसमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के रकबे में वृद्धि हुई है, जबकि पश्चिम बंगाल के रकबे में गिरावट आई है। निम्नलिखित टेबल में राज्यवार रकबे का विवरण दिया गया है।

राज्य 2022-23 का रकबा (लाख हेक्टेयर) 2023-24 का रकबा (लाख हेक्टेयर) वृद्धि/गिरावट (%)

तेल की कीमतों पर क्या असर पड़ेगा?

सरसों के रकबे में वृद्धि होने से उम्मीद है कि इसका उत्पादन भी बढ़ेगा। इससे तेल की कीमतों पर कुछ राहत मिल सकती है। लेकिन, यह भी निर्भर करता है कि फसल की उपज कैसी होती है, मौसम के हालात कैसे रहते हैं, तेल की मांग कितनी होती है और आयात की नीति क्या होती है। इसलिए, तेल की कीमतों का अंतिम निर्णय इन सभी कारकों पर आधारित होगा।

एक बात यह भी है कि सरसों का तेल भारत की कुल तेल की खपत का सिर्फ 15% हिस्सा है। बाकी का 85% हिस्सा अन्य तेलों का है, जैसे सूरजमुखी का तेल, सोयाबीन का तेल, पाम ऑयल आदि। इन तेलों का भारत में उत्पादन कम होता है, इसलिए इन्हें बड़ी मात्रा में आयात करना पड़ता है। इन तेलों की कीमतें विश्व बाजार के अनुसार तय होती हैं। इसलिए, इन तेलों की कीमतों पर सरसों के रकबे का ज्यादा असर नहीं पड़ता है।

इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि सरसों के रकबे में वृद्धि से तेल की कीमतों पर कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन यह पूरी तरह से निश्चित नहीं है। तेल की कीमतों का निर्धारण अनेक अन्य कारकों पर भी निर्भर है, जिनका ध्यान रखना जरूरी है।

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