नीलगाय से फसल को बचाने के लिए किसानों ने निकाला नया तरीका, आप भी जाने खेती को सुरक्षित बनाने के उपाय

नीलगाय से फसल को बचाने के लिए किसानों ने निकाला नया तरीका, आप भी जाने खेती को सुरक्षित बनाने के उपाय
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नीलगाय के हमले का समाधान खेती के लिए एक महत्त्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में किसानों को नीलगाय की हरकतों से बहुत नुकसान हो रहा है। इन हमलों से बचाव के लिए कई देसी नुस्खे हैं, जो किसानों को मदद कर सकते हैं।

नीलगाय के आतंक से बचाव के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने कई सलाहें दी हैं। इनमें से कुछ उपाय बहुत ही कारगर साबित हो रहे हैं। यहाँ कुछ ऐसे उपाय दिए गए हैं जिन्हें किसान आसानी से अपना सकते हैं:

देसी नुस्खे:

1. मट्ठा, गोमूत्र और लाल मिर्च से हर्बल घोल:

गोमूत्र, मट्ठा और लाल मिर्च से तैयार हर्बल घोल नीलगाय को 20-30 दिनों तक खेत के पास नहीं आने देता है। इससे फसल को नुकसान नहीं पहुंचता और किसानों को बड़ी मात्रा में लागत भी नहीं आती।

2. घरेलू चीजों से तैयार हर्बल घोल:

छिला हुआ लहसुन, मट्ठा, बालू डालकर तैयार घोल नीलगाय को खेतों में नहीं आने देता। इसे पानी के साथ भी प्रयोग किया जा सकता है।

3. खेत में बाड़ लगाना:

खेत के चारों ओर बाड़ लगाना भी नीलगाय के आतंक को कम कर सकता है।

4. वनस्पतियों का रोपण:

खेत के किनारों पर वनस्पतियों का रोपण करना भी नीलगाय से सुरक्षा देने में मदद कर सकता है।

कृषि के जानकारों और केंद्रीय कृषि मंत्रालय के किसान कॉल सेंटर के माध्यम से भी किसानों को इन देसी नुस्खों का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है। यह सभी उपाय खेती को सुरक्षित बनाने के साथ-साथ खर्च भी कम कर सकते हैं।

नीलगाय के हमलों से बचने के लिए ये देसी नुस्खे वास्तव में प्रभावी हैं। इन्हें किसानों को अपनाकर खेती को सुरक्षित बनाने में मदद मिल सकती है।

नीलगाय रोकने के लिए इस तरह बनायें हर्बल घोल

1. नीलगाय को खेतों की ओर आने से रोकने के लिए 4 लीटर मट्ठे में आधा किलो छिला हुआ लहसुन पीसकर मिलाकर इसमें 500 ग्राम बालू डालें। इस घोल को पांच दिन बाद छिड़काव करें। इसकी गंध से करीब 20 दिन तक नीलगाय खेतों में नहीं आएगी। इसे 15 लीटर पानी के साथ भी प्रयोग किया जा सकता है।

2. बीस लीटर गोमूत्र, 5 किलोग्राम नीम की पत्ती, 2 किग्रा धतूरा, 2 किग्रा मदार की जड़, फल-फूल, 500 ग्राम तंबाकू की पत्ती, 250 ग्राम लहसुन, 150 लालमिर्च पाउडर को एक डिब्बे में भरकर वायुरोधी बनाकर धूप में 40 दिन के लिए रख दें। इसके बाद एकलीटर दवा 80 लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करने से महीना भर तक नीलगाय फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाती है। इससे फसल की कीटों से भी रक्षा होती है

3. खेत के चारों ओर कंटीली तार, बांस की फंटियां या चमकीली बैंड से घेराबंदी करें।

4. खेत की मेड़ों के किनारे पेड़ जैसे करौंदा, जेट्रोफा, तुलसी, खस, जिरेनियम, मेंथा, एलेमन ग्रास, सिट्रोनेला, पामारोजा का रोपण भी नीलगाय से सुरक्षा देंगे।

5. खेत में आदमी के आकार का पुतला बनाकर खड़ा करने से रात में नीलगाय देखकर डर जाती हैं।

6. नीलगाय के गोबर का घोल बनाकर मेड़ से एक मीटर अन्दर फसलों पर छिड़काव करने से अस्थाई रूप से फसलों की सुरक्षा की जा सकती है।

7. एक लीटर पानी में एक ढक्कन फिनाइल के घोल के छिड़काव से फसलों को बचाया जा सकता है।

8. गधों की लीद, पोल्ट्री का कचरा, गोमूत्र, सड़ी सब्जियों की पत्तियों का घोल बनाकर फसलों पर छिड़काव करने से नीलगाय खेतों के पास नहीं फटकती।

9. देशी जीवनाशी मिश्रण बनाकर फसलों पर छिड़काव करने से नीलगाय दूर भागती हैं।

10. कई जगह खेत में रात के वक्त मिट्टी के तेल की डिबरी जलाने से नीलगाय नहीं आती है।

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