काले गेहूं की खेती से बढ़ेगी किसानों की कमाई, साधारण गेहूं से 60% महंगा, जानिए कौन से महीने में होगी बुवाई
काले गेहूं में 60% अधिक लौह तत्व होता है, जिससे स्वास्थ्य को आवश्यक धातु प्राप्त होती है।
काले गेहूं की खेती से बढेगा किसानों की कमाई, साधारण गेहूं से 60% महंगा, जानिए कौन से महीने में होगी बुवाई
काले गेहूं की खेती, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, और उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन गई है। इसका मूल्य प्रति क्विंटल सामान्य गेहूं से 60% अधिक होने के साथ ही, यह स्वास्थ्य के लाभों के साथ भी भरपूर है।
स्वास्थ्य का संरक्षण
काले गेहूं में 60% अधिक लौह तत्व होता है, जिससे स्वास्थ्य को आवश्यक धातु प्राप्त होती है।
एंथोसायनिन नामक रंगद्रव्य गेहूं को काला बनाता है, जिससे इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।
उत्पादन की तकनीक
काले गेहूं की बुआई रबी सीजन में 30 नवंबर तक करनी चाहिए। बुआई के बाद, सिंचाई का ध्यानपूर्वक प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है:
अवधि क्रिया
बुआई के तीन सप्ताह बाद पहली सिंचाई
बुआई के बाद सिंचाई कलियां फूटने से पहले, दानों में दूध आते समय, और बालियों में दूध आते समय
बेहतर फसल कटाई
पौधों में लगे दाने को कटाई करें जब वे पककर कठोर हो जाएं और दानों में 20-25% तक नमी बची रहे।
एक बीघा खेत से दस से बारह क्विंटल गेहूं मिलता है, जो किसानों को बड़ा मुनाफा दिला सकता है।
बाजार में मौजूद कीमत
काले गेहूं का एक क्विंटल बाजार में 8000 रुपये है, जो सामान्य गेहूं से दोगुना महंगा है। इससे किसानों को सामान्य गेहूं की तुलना में अधिक मुनाफा हो सकता है, और इसे एक विशेषज्ञता उत्पाद के रूप में बाजार में प्रस्तुत किया जा सकता है।
इस तरीके से, काले गेहूं की खेती से किसान न केवल अच्छा मुनाफा कमा सकता है, बल्कि स्वास्थ्य के लाभों का भी आनंद उठा सकता है। अगर आप भी इस उत्पादन को अपने खेतों में शामिल करना चाहते हैं, तो उपरोक्त तकनीकों का पालन करें और अपने क्षेत्र में इस विशेष गेहूं की मांग को पूरा करें।