रसराज नींबू की खेती से चमकी किसान की किस्मत, सिर्फ 400 पौधे ने किया मालामाल, फल और पत्तियां बेचकर सालाना कमा रहे 25 लाख रुपए

दिग्विजय ने अपनी खेतों की घेराबंदी के लिए 400 रसराज नींबू के पौधे लगाए हैं, और इससे वे हर वर्ष 24 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं।

रसराज नींबू की खेती से चमकी किसान की किस्मत, सिर्फ 400 पौधे ने किया मालामाल, फल और पत्तियां बेचकर सालाना कमा रहे 25 लाख रुपए
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रसराज नींबू की खेती से चमकी किसान की किस्मत, सिर्फ 400 पौधे ने किया मालामाल, फल और पत्तियां बेचकर सालाना कमा रहे 25 लाख रुपए

किस्मत हो तो ऐसी...इस पेड़ के फल और पत्ते बेचकर बिहार के किसान बना लाखपति! पश्चिम चम्पारण जिले के चनपटिया ब्लॉक के रामपुरवा वार्ड-5 निवासी दिग्विजय ने रसराज वैरायटी के नींबू की खेती करके सालाना 24 लाख रुपये की कमाई की है। इस खेती के अलावा, इस विशेष नींबू का उपयोग कैंसर रोगी दवाओं को शुद्ध करने में भी किया जाता है।

रसराज नींबू की खेती

रसराज वैरायटी के नींबू की खेती का कारण है कि इस प्रजाति का पौधा खासी महंगा होता है। यहाँ तक कि इसके एक पौधे की कीमत 100 रुपये होती है। इस पेड़ की खासियत यह है कि पहले वर्ष से ही इसमें फल आने शुरू हो जाते हैं, और पौधे की सेहत के लिए उसे पकने से पहले ही तोड़ दिया जाता है।

चनपटिया ब्लॉक के किसान दिग्विजय के अनुसार, इस पौधे से हर वर्ष कम से कम 2000 नींबू आसानी से प्राप्त किए जा सकते हैं, जिससे वे सालाना बड़ी कमाई करते हैं।

खेतों की बैरिकेटिंग का उपयोग

रसराज वैरायटी के नींबू की खेती का और एक महत्वपूर्ण फायदा है कि इससे खेतों की बैरिकेटिंग करने में मदद मिलती है। इस पेड़ के पौधों की गहरी झड़ी और फूल होते हैं, जिससे वे खेतों को जानवरों से बचाने में मदद करते हैं।

दिग्विजय ने अपनी खेतों की घेराबंदी के लिए 400 रसराज नींबू के पौधे लगाए हैं, और इससे वे हर वर्ष 24 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं। यह न केवल फल के साथ होता है, बल्कि वे पत्तों को भी बेचकर अधिक आय प्राप्त करते हैं।

आयुर्वेदिक उपयोग

पश्चिम चम्पारण के आयुर्वेदाचार्य भुवनेश पांडे के अनुसार, रसराज नींबू के रस का उपयोग कैंसर रोगी दवाओं के शुद्धिकरण के लिए किया जाता है। इसके पत्तों का उपयोग त्वचा रोग में लेप के रूप में किया जाता है। इसके साथ ही इसका कीटनाशक, फिनाइल, साबुन और अन्य उत्पाद बनाने में किया जाता है

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