किसान अब कपास की खेती में उचित देखभाल और रोग नियंत्रण के ये उपाय जरुर करें

किसान अब कपास की खेती में उचित देखभाल और रोग नियंत्रण के ये उपाय जरुर करें
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देश में 125 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुआई हुई है। इस वर्ष की बुआई पिछले वर्ष के मुकाबले 1.48 फीसदी कम है। इसका मतलब है कि किसानों को अपने खेतों की कपास की फसल का उचित देखभाल करने के लिए तैयार रहना होगा।

खेत में उपयुक्त खाद:

सितम्बर महीने में कपास की फसल के लिए खास देखभाल करना आवश्यक है। इस समय फसल में बहुत सारे फूल, बोकी और टिंडे आते हैं। रेतीली मिट्टी वाले इलाकों में पोषक तत्वों की सर्वाधिक कमी हो सकती है, इसलिए यहाँ एक उपाय दिया जा रहा है। उन किसानों को जिन्होंने ड्रिप लगाई है, उन्हें पोषक तत्व ड्रिप द्वारा देने का सुझाव दिया जाता है।

गुलाबी सुंडी से बचाने के उपाय:

सितम्बर महीने में गुलाबी सुंडी का प्रकोप नरमा की फसल में हो सकता है। किसानों को अपनी फसल में इस रोग की निगरानी करनी चाहिए। इसके लिए सप्ताह में दो बार फसल की जांच करने का सुझाव दिया गया है।

गुलाबी सुंडी के नियंत्रण के उपाय:

यदि गुलाबी सुंडी के पतंगे प्रति ट्रेप में आते हैं, तो कीटनाशक का प्रयोग करना आवश्यक है। फेरोमोन ट्रेप लगाने और पतंगों की गिनती करने के लिए विशेष सलाह दी गई है।

गुलाबी सुंडी के लिए कीटनाशक:

गुलाबी सुंडी के प्रकोप पर एक उपाय दिया गया है जो उसे नियंत्रित करने के लिए सहायक हो सकता है।

सफेद मक्खी और हरे तेला के नियंत्रण के उपाय:

सितम्बर महीने में नरमा की फसल में सफेद मक्खी और हरे तेला के प्रकोप की संभावना हो सकती है। उन्हें सप्ताह में दो बार फसल की जांच करने का सुझाव दिया गया है।

रोग नियंत्रण के उपाय:

कपास की फसल में कई तरह के रोग लग सकते हैं। यहाँ उनका नियंत्रण करने के उपाय बताया गया है।

उपरोक्त उपायों का अनुसरण करके, किसान अपनी कपास की फसल को सही तरह से देखभाल कर सकते हैं और उचित पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान दें कि कीटनाशकों का सही मात्रा में और समय पर उपयोग करना महत्वपूर्ण है ताकि कपास की फसल स्वस्थ रहे और अधिक पैदावार मिले।

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